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राज ठाकरे का विवादित बयान, कहा- 'जो ज्यादा नाटक करें उसके कान के नीचे बजाओ, लेकिन विडियो मत बनाओ'

Edited By Shubham Anand,Updated: 05 Jul, 2025 02:04 PM

controversial statement of raj thackeray on language issue

महाराष्ट्र की सियासत में 5 जुलाई 2025 का दिन एक बड़े बदलाव का गवाह बना, जब दो दशकों बाद उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे एक ही मंच पर साथ नजर आए। इस ऐतिहासिक मौके पर दोनों नेताओं ने एक सुर में बीजेपी पर निशाना साधा और महाराष्ट्र की अस्मिता की आवाज बुलंद की।

National Desk : महाराष्ट्र की सियासत में 5 जुलाई 2025 का दिन एक बड़े बदलाव का गवाह बना, जब दो दशकों बाद उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे एक ही मंच पर साथ नजर आए। इस ऐतिहासिक मौके पर दोनों नेताओं ने एक सुर में बीजेपी पर निशाना साधा और महाराष्ट्र की अस्मिता की आवाज बुलंद की।

राज ठाकरे ने अपने संबोधन में बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा, “तुम्हारे पास विधानभवन में सत्ता है, लेकिन हमारे पास सड़कों की सत्ता है।” उन्होंने यह भी खुलासा किया कि राज्य के शिक्षा मंत्री दादा भूसे उनसे मिलने आए थे, लेकिन उन्होंने उनसे साफ कह दिया, “आपकी बात सुनूंगा, पर मानूंगा नहीं। ” राज ने कहा कि जब पूरा महाराष्ट्र एकजुट होकर खड़ा होता है, तो सरकार को उसकी ताकत दिखती है। उन्होंने कहा कि यह एकता अब राज्य को आगे ले जाएगी।

"हिंदी हम पर न थोपें, हम मराठी हैं"

राज ठाकरे ने हिंदी भाषा के मुद्दे पर भी केंद्र सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि उत्तर भारत से लोग काम की तलाश में महाराष्ट्र आते हैं, और यहां आकर मराठी लोगों से हिंदी सीखने की उम्मीद करते हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या कभी मराठों ने किसी पर मराठी भाषा थोपने की कोशिश की? "हिंदी सिर्फ 200 साल पुरानी है, जबकि मराठा साम्राज्य की जड़ें हर कोने में फैली थीं," उन्होंने कहा।

राज ने यह भी आरोप लगाया कि हिंदी थोपने का प्रयास मुंबई को महाराष्ट्र से अलग करने की साजिश का हिस्सा है। उन्होंने आगाह किया कि "हम शांत हैं, लेकिन मूर्ख नहीं। किसके-किसके बच्चे विदेश में पढ़ते हैं, इसकी पूरी लिस्ट हमारे पास है।"

फडणवीस की शिक्षा पर टिप्पणी

राज ठाकरे ने देवेंद्र फडणवीस की अंग्रेजी शिक्षा का जिक्र करते हुए कहा कि अंग्रेजी माध्यम में पढ़ने वाले हर व्यक्ति की निष्ठा पर शक करना गलत है। उन्होंने अपने पिता और बालासाहेब ठाकरे को याद करते हुए कहा कि वे भी अंग्रेजी माध्यम से पढ़े थे, लेकिन उनका मराठी और हिंदुत्व के प्रति योगदान अमूल्य है।

उन्होंने आगे कहा कि देश के बड़े नेता और अभिनेता जैसे जयललिता, स्टालिन, कमल हासन, पवन कल्याण, ए.आर. रहमान आदि भी अंग्रेजी में पढ़े हैं — तो क्या उनकी देशभक्ति या क्षेत्रीय भाषाओं के प्रति प्रेम पर सवाल उठता है? राज ने भारतीय सेना की विविध रेजीमेंटों का उदाहरण देते हुए कहा, "जब दुश्मन हमला करता है, तब न कोई भाषा मायने रखती है और न जाति सब एकजुट होकर जवाब देते हैं।"

कार्यकर्ताओं को दी सलाह

राज ठाकरे ने अपने कार्यकर्ताओं को भी संबोधित किया और हाल ही में मीरा रोड की एक घटना का हवाला दिया, जहां एक व्यवसायी की हत्या हुई। उन्होंने कहा, "क्या किसी के माथे पर लिखा होता है कि वह किस जाति या समुदाय से है? बेवजह किसी को मत मारो, लेकिन अगर कोई ज्यादा नाटक करता है, तो उसके कान के नीचे जरूर बजाओ। और अगली बार जब किसी को पीटो, तो उसका वीडियो मत निकालो।"

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