अनोखी योजना: किताबों के साथ मास्क फ्री कोविड सेंटरों में किताब फ्री

Edited By Anil dev,Updated: 29 Jun, 2020 01:36 PM

corona virus mask covid center books

हिंदी के राजकमल प्रकाशक ने कोरोना महामारी को नियंत्रित करने के लिए लागू लॉकडाउन में पाठकों को किताबों के साथ मुफ्त में मास्क देने और कोविड- सेंटरों में मरीजों को मुफ्त में किताब वितरित करने की अनोखी योजना बनाई है ।

नई दिल्ली: हिंदी के राजकमल प्रकाशक ने कोरोना महामारी को नियंत्रित करने के लिए लागू लॉकडाउन में पाठकों को किताबों के साथ मुफ्त में मास्क देने और कोविड- सेंटरों में मरीजों को मुफ्त में किताब वितरित करने की अनोखी योजना बनाई है । राजकमल प्रकाशन के प्रबंधक अशोक माहेश्वरी ने यूनीवार्ता को बताया की उन्होंने राजधानी के तीन कोविड सेंटरों में करीब डेढ़ सौ किताबें मरीजों को मुफ्त वितरित की हैं जिनमें गांधी और प्रेमचंद से लेकर मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक और गुलजार की किताबें भी शामिल है और मरीजों को उन्हें पढ़कर काफी राहत महसूस हो रही है और उनका तनाव भी दूर हो रहा है । उनके जीवन में सकारात्मकता बढ़ रही हैं । माहेश्व

री ने बताया कि राजधानी के दो और कोविड-19 में मुफ्त किताब भेजने की उनकी योजना जल्दी ही लागू होगी। इसके अलावा छह मई के बाद से उन्होंने हर खरीदार को किताबों के साथ मुफ्त में मास्क देने की योजना भी लागू की है और अब तक गरीब 1500 से अधिक पाठकों को उन्होंने मुफ्त में मास्क वितरित किए हैं । उन्होंने बताया कि उन्होंने शुरू में 2000 सूती मास्क खुद ही बनवाए थे और अब उनकी बढ़ती मांग को देखकर 2000 और मास्क बनवाने का आडर्र दिया है । पाठकों को किताबों के साथ मुफ्त मास्क मिलकर उन्हें अच्छा लग रहा है क्योंकि लॉकडाउन में कई लोग बाहर निकल कर मास्क खरीदने की स्थिति में नहीं है इसलिए जब उन्हें किताबों के साथ मास्क फ्री में मिलता है तो उन्हें इससे राहत मिलती है । 

उन्होंने यह भी कहा कि पुस्तकों के साथ फ्री में मास्क बांटने की योजना कम से कम इस वर्ष दिसंबर माह तब चलेगी और संभव हुआ तो अगले वर्ष भी जारी रखेंगे। माहेश्वरी ने प्रकाशन जगत में लॉकडाउन के दौरान गहराते संकट पर भी चिंता व्यक्त की और कहा कि सरकार को इस मामले में तत्काल हस्तकक्षेप करना चाहिए और हिंदी प्रकाशकों को कुछ छूट और सुविधा देनी चाहिए क्योंकि कोरोना संकट से हिंदी के प्रकाशक बहुत ज्यादा प्रभावित हुए हैं । पिछले दो ढाई महीने तक तो लॉकडाउन के कारण वह किताबें भेजने की स्थिति में भी नहीं थे और उनका प्रकाशन भी लगभग ठप हो गया था । ऐसे में सरकार को चाहिए कि वह हिंदी प्रकाशक जगत पर थोड़ा विशेष ध्यान दें । 

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!