Edited By Rohini Oberoi,Updated: 07 Dec, 2025 02:49 PM

भारत का पड़ोसी देश भूटान, जिसे अक्सर दुनिया का 'स्वर्ग' (Paradise) कहा जाता है अपने नागरिकों को दिए जाने वाले अद्वितीय और कल्याणकारी मॉडल (Welfare Model) के कारण सुर्खियों में है। यह हिमालयी राष्ट्र एकमात्र ऐसा देश है जहां के लोग घर, खाना, शिक्षा,...
नेशनल डेस्क। भारत का पड़ोसी देश भूटान, जिसे अक्सर दुनिया का 'स्वर्ग' (Paradise) कहा जाता है अपने नागरिकों को दिए जाने वाले अद्वितीय और कल्याणकारी मॉडल (Welfare Model) के कारण सुर्खियों में है। यह हिमालयी राष्ट्र एकमात्र ऐसा देश है जहां के लोग घर, खाना, शिक्षा, बिजली और स्वास्थ्य जैसी सभी मूलभूत ज़रूरतें पूरी तरह मुफ्त में पाते हैं। यहां कोई भी व्यक्ति भूखा या बेघर नहीं रहता है। भूटान में राजा और सरकार मिलकर यह सुनिश्चित करते हैं कि हर नागरिक को खुशहाल और स्वस्थ जीवन जीने के लिए पर्याप्त संसाधन मिलें।
राजा बांटतें हैं मुफ्त ज़मीन
भूटान में अगर किसी व्यक्ति के पास अपना घर बनाने के लिए ज़मीन नहीं है या उसे खरीदने की क्षमता नहीं है तो उसे बस राजा के पास जाना होता है। राजा उस व्यक्ति को तुरंत मुफ्त ज़मीन दे देते हैं ताकि वह अपना घर बना सके और अपने परिवार के लिए जीवन यापन कर सके। इस नीति के कारण भूटान में कोई भी बेघर नहीं रहता है।

शिक्षा और स्वास्थ्य पूरी तरह मुफ्त
भूटान में सरकार मानव विकास पर सबसे अधिक ध्यान केंद्रित करती है:
शिक्षा: स्कूल और कॉलेज की ट्यूशन फीस नहीं ली जाती है। उच्च शिक्षा के लिए भी सरकार स्कॉलरशिप देती है और ज़रूरत पड़ने पर विदेश में पढ़ाई के लिए भी आर्थिक मदद मिलती है।
इलाज: सभी सरकारी अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में मुफ्त इलाज और दवा मिलती है। गंभीर बीमारियों के लिए सरकार विदेश में इलाज का खर्च भी उठाती है।

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बिजली और खेती में भारी सब्सिडी
छोटे परिवारों और ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को एक निश्चित मात्रा में बिजली मुफ्त दी जाती है। किसानों को बीज, उर्वरक और खेती के उपकरण पर भारी सब्सिडी (Subsidy) मिलती है। खेती के लिए ज़रूरी संसाधन या तो मुफ्त या बहुत कम कीमत पर उपलब्ध होते हैं। इस तरह भूटान में कोई भी गरीबी या भूख से परेशान नहीं होता है।

पर्यावरण संरक्षण और संस्कृति पर ज़ोर
भूटान पर्यावरण संरक्षण (Environmental Conservation) में दुनिया के लिए एक मिसाल है। देश का 60 प्रतिशत हिस्सा हमेशा जंगल (Forest) में होना अनिवार्य है। 2015 में, भूटान ने एक घंटे में 50,000 पेड़ लगाकर विश्व रिकॉर्ड बनाया। यहां प्लास्टिक की थैलियों पर 1999 से प्रतिबंध है और तंबाकू लगभग अवैध है। भूटानी लोग अपनी संस्कृति और परंपरा को बड़े गर्व से निभाते हैं। पुरुष घुटनों तक लंबे कपड़े 'घोस' और महिलाएं लंबी पोशाक 'किरास' पहनती हैं।
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सकल राष्ट्रीय खुशी (GNH) का अनोखा मॉडल
भूटान अपनी जीडीपी (GDP) के बजाय सकल राष्ट्रीय खुशी (Gross National Happiness - GNH) पर ध्यान केंद्रित करने वाला दुनिया का एकमात्र देश है। 2008 में सकल राष्ट्रीय खुशी समिति बनाई गई जो जनगणना में लोगों से पूछती है कि वे अपने जीवन से कितने खुश हैं। भूटान में अधिकतर लोग बौद्ध धर्म मानते हैं जो सभी जीवों का सम्मान सिखाता है जिसका सीधा असर यहां के शांत और खुशहाल समाज पर दिखता है।