हनुमान जयंती को लेकर कोर्ट का निर्देश, ममता सरकार केंद्रीय बलों की तैनाती की करे अपील

Edited By Updated: 05 Apr, 2023 08:53 PM

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कलकत्ता उच्च न्यायालय ने पश्चिम बंगाल सरकार को हनुमान जयंती समारोहों के दौरान शांति बनाए रखने में राज्य पुलिस की मदद के लिए केंद्रीय बलों की तैनाती के लिए अनुरोध करने का बुधवार को निर्देश दिया।

नेशनल डेस्क: कलकत्ता उच्च न्यायालय ने पश्चिम बंगाल सरकार को हनुमान जयंती समारोहों के दौरान शांति बनाए रखने में राज्य पुलिस की मदद के लिए केंद्रीय बलों की तैनाती के लिए अनुरोध करने का बुधवार को निर्देश दिया। अदालत ने कहा कि हाल के दिनों में हुई घटनाओं को देखते हुए आम जनता को यह आश्वासन देने के लिए आदेश दिया जा रहा है कि वे सुरक्षित हैं और उन्हें किसी तरह की पेरशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा।

पिछले सप्ताह रामनवमी के जुलूस के दौरान तथा बाद में हावड़ा और हुगली जिलों में कुछ स्थानों पर दो गुटों के बीच झड़प हो गई थी। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश टी. एस. शिवगणनम की अध्यक्षता वाली एक खंडपीठ ने कहा कि इलाज से परहेज बेहतर है। अदालत ने पश्चिम बंगाल सरकार को निर्देश दिया कि बृहस्पतिवार को हनुमान जयंती की रैलियों के दौरान किसी भी तरह की अप्रिय घटना को रोकने के लिए केंद्रीय बलों की तैनाती का अनुरोध किया जाए। अदालत ने केंद्र को राज्य से अनुरोध प्राप्त होने पर ऐसी तैनाती के लिए त्वरित व्यवस्था करने का भी निर्देश दिया।

महाधिवक्ता एस. एन. मुखर्जी ने अदालत को बताया कि राज्य में हनुमान जयंती के अवसर पर रैलियां आयोजित करने के लिए पुलिस को करीब 2,000 आवेदन मिले हैं। अदालत ने यह आदेश पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनाया। उच्च न्यायालय ने कहा कि राज्य पुलिस को किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए केंद्रीय बलों की सहायता से सभी कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। अदालत ने राज्य सरकार को सुनवाई की अगली तारीख पर एक कार्रवाई रिपोर्ट दाखिल करने के लिए भी कहा।

पीठ ने निर्देश दिया, “राज्य पुलिस की खुफिया शाखा को मजबूत किया जाए और ऐसे किसी भी पूर्व नियोजित हमले या हिंसा को रोकने के लिए सभी कदम उठाए जाएं।” न्यायालय ने कहा कि मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए कोई भी राजनीतिक शख्सियत या कोई नेता या आम आदमी बृहस्पतिवार को मनाए जाने वाले त्योहार को लेकर जनता या मीडिया के सामने कोई बयान नहीं देगा। अदालत ने कहा कि पुलिस के पास “अप्रिय” घटनाओं को देखते हुए किसी भी जुलूस के मार्ग को प्रतिबंधित करने का अधिकार है। न्यायालय ने कहा कि अतिरिक्त सीसीटीवी कैमरे लगाने होंगे और उन संवेदनशील इलाकों की वीडियोग्राफी करनी होगी जहां से जुलूस गुजरेगा।

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