Edited By Anu Malhotra,Updated: 01 Dec, 2025 02:57 PM

क्रिकेट में शब्दों का खेल: कब लग सकती है ICC की सजाक्रिकेट को अक्सर “जेंटलमैन गेम” कहा जाता है, लेकिन मैदान पर दबाव और तनाव कभी-कभी खिलाड़ियों की जुबान पर भारी पड़ जाते हैं। एक खराब ओवर, आउट होने की हताशा या विपक्षी टीम की तंज‑मज़ाक खिलाड़ी को ऐसे...
नेशनल डेस्क: क्रिकेट में शब्दों का खेल: कब लग सकती है ICC की सजाक्रिकेट को अक्सर “जेंटलमैन गेम” कहा जाता है, लेकिन मैदान पर दबाव और तनाव कभी-कभी खिलाड़ियों की जुबान पर भारी पड़ जाते हैं। एक खराब ओवर, आउट होने की हताशा या विपक्षी टीम की तंज‑मज़ाक खिलाड़ी को ऐसे शब्द बोलने पर मजबूर कर देते हैं, जिन्हें टीवी पर बीप करना पड़ता है। दर्शकों के लिए यह अक्सर केवल क्षणिक झुंझलाहट लगता है, लेकिन ICC यानी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद इसे गंभीर रूप से लेती है। विशेषकर अपमानजनक भाषा और गाली‑गलौज सीधे आचार संहिता का उल्लंघन मानी जाती है।
ICC के नियम: शब्दों पर नज़र
ICC ने खिलाड़ियों की भाषा और व्यवहार को चार स्तरों में बांटा है। अधिकांश शब्दों और गाली‑गलौज के मामले लेवल 1 और लेवल 2 में आते हैं।
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लेवल 1: इसमें हल्की डांट‑फटकार या मामूली मॉनिटरी पेनल्टी होती है।
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लेवल 2: इस श्रेणी में मामला गंभीर हो जाता है। इसमें अपमानजनक भाषा, विरोधी खिलाड़ी को उकसाना, अंपायर पर आपत्ति जताना या अशोभनीय टिप्पणी शामिल होती है।
जुर्माना और डिमेरिट प्वाइंट
लेवल 1 की सजा:
लेवल 2 की सजा:
माइक्रोफोन और कैमरे की पकड़
आज के तकनीकी युग में, खिलाड़ी कभी-कभी अनजाने में गाली बोल देते हैं और उनकी आवाज कैमरा या अंपायर के माइक्रोफोन में कैद हो जाती है। मैच रेफरी तब यह तय करते हैं कि घटना किस लेवल के तहत आती है। ICC हमेशा यह समझता है कि खेल के तनावपूर्ण माहौल में शब्द अचानक निकल सकते हैं, लेकिन इरादे और स्थिति के आधार पर ही सजा तय होती है।
कौन-कौन भुगता जुर्माना
कई बड़े खिलाड़ी—चाहे विराट कोहली हों, बेन स्टोक्स हों या डेविड वॉर्नर—कभी न कभी भाषा या अपमानजनक टिप्पणी के कारण जुर्माना भुगत चुके हैं। ICC यह भी मानती है कि खेल में कभी‑कभी अनजाने में शब्द निकलना सामान्य है, लेकिन मैदान की गरिमा और नियमों का पालन सुनिश्चित करना प्राथमिकता है।