Edited By Rohini Oberoi,Updated: 28 Nov, 2025 02:26 PM

सोशल मीडिया पर आए दिन मशहूर हस्तियों और इनफ्लुएंसर के निजी वीडियो (Personal Videos) के वायरल होने के मामले सामने आते रहते हैं। कई बार ये वीडियो झूठे या डीपफेक तकनीक से बनाए गए निकलते हैं लेकिन कई मामलों में ये बिना अनुमति के बनाए और फैलाए गए असली...
नेशनल डेस्क। सोशल मीडिया पर आए दिन मशहूर हस्तियों और इनफ्लुएंसर के निजी वीडियो (Personal Videos) के वायरल होने के मामले सामने आते रहते हैं। कई बार ये वीडियो झूठे या डीपफेक तकनीक से बनाए गए निकलते हैं लेकिन कई मामलों में ये बिना अनुमति के बनाए और फैलाए गए असली वीडियो होते हैं। हाल ही में सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर सोफिक एसके का एक निजी वीडियो वायरल हुआ है जिसके बाद एक बार फिर यह सवाल उठने लगा है कि किसी की निजता का उल्लंघन करना और प्राइवेट वीडियो वायरल करना कानून की नज़र में कितना गंभीर है।
वायरल वीडियो और विवाद
हालिया घटनाक्रम में बंगाल के इनफ्लुएंसर सोफिक एसके और उनकी गर्लफ्रेंड का एक निजी वीडियो कई ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर तेज़ी से फैल गया। वीडियो वायरल होने के कुछ ही मिनटों में सोशल मीडिया पर 'सोफिक वायरल वीडियो' जैसे सर्च शब्द ट्रेंड करने लगे। इस वीडियो को लेकर सोशल मीडिया यूज़र्स के बीच मतभेद दिखा। कुछ लोगों ने इसे असली बताया जबकि अन्य ने इस पर कड़ा विरोध जताते हुए इसे छेड़छाड़ किया गया या एआई (AI) तकनीक से बनाया गया बताया। हालांकि वीडियो के असली या फेक होने की पुष्टि अभी तक नहीं हो पाई है।
भारतीय कानून: निजता के उल्लंघन पर सख्त प्रावधान
यह घटना एक बार फिर भारतीय कानून के उस पहलू को सामने लाती है जो किसी व्यक्ति की निजता (Privacy) की रक्षा करता है।
1. निजता का अधिकार (Right to Privacy)
साल 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने 'निजता के अधिकार' को मौलिक अधिकार घोषित किया। इसके तहत किसी भी व्यक्ति की अनुमति के बिना उसका निजी वीडियो शूट करना या उसे वायरल करना कानूनी अपराध है।
2. आईटी एक्ट 2000 (IT Act, 2000)
-
धारा 66ई (Section 66e): यदि कोई व्यक्ति मर्ज़ी के खिलाफ किसी का वीडियो बनाता है और उसे वायरल करता है (यानी फिजिकल प्राइवेसी का उल्लंघन करता है) तो उस पर यह धारा लगाई जाती है।
-
धारा 67 (Section 67): यदि कोई व्यक्ति फोटो या वीडियो के साथ छेड़छाड़ करके उसे अश्लील रूप से एडिट करता है और वायरल करता है।
-
डीपफेक/एआई वीडियो: एआई से बनाए गए अश्लील या छेड़छाड़ किए गए वीडियो पर भी आईटी एक्ट की धारा 66ई और 67 के तहत कार्रवाई की जा सकती है।
1 जुलाई से लागू होने वाले बीएनएस (BNS) में और कड़े नियम
भारतीय न्याय संहिता (BNS) जो 1 जुलाई 2024 से लागू होगी में महिलाओं की निजता की सुरक्षा के लिए विशेष और सख्त प्रावधान शामिल किए गए हैं:
-
बीएनएस की धारा 73: यह नई धारा पुराने आईपीसी की धारा 354जी की जगह लेगी। इसके तहत किसी महिला की निजी स्थिति का बिना अनुमति फोटो या वीडियो बनाना और उसे फैलाना गंभीर अपराध माना गया है।
-
लिंग समानता: इस धारा में साफ किया गया है कि अपराधी पुरुष हो या महिला दोनों पर समान कार्रवाई होगी।
बीएनएस की धारा 73 में सज़ा:
| स्थिति |
सज़ा का प्रावधान |
| पहली बार दोषी पाए जाने पर |
कम से कम 1 से 3 साल तक की कैद और जुर्माना। |
| दूसरी बार दोषी पाए जाने पर |
3 से 7 साल तक की कैद और जुर्माना। |
धारा 73 के तहत ऐसे अपराध गैर-जमानती (Non-Bailable) और असंज्ञेय (Cognizable) माने जाते हैं। इसका मतलब है कि पुलिस बिना वारंट गिरफ्तार कर सकती है और जमानत मिलना भी आसान नहीं होता है।