Edited By Rohini Oberoi,Updated: 22 Sep, 2025 11:29 AM

गाजियाबाद में शनिवार रात पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ में ₹50 हजार का इनामी बदमाश बलराम ठाकुर मारा गया। बलराम पर व्यापारियों से रंगदारी वसूलने और कई संगीन अपराधों के आरोप थे। रविवार को कड़ी सुरक्षा के बीच उसका पोस्टमार्टम कराया गया जिसके बाद शव परिवार...
नेशनल डेस्क। गाजियाबाद में शनिवार रात पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ में ₹50 हजार का इनामी बदमाश बलराम ठाकुर मारा गया। बलराम पर व्यापारियों से रंगदारी वसूलने और कई संगीन अपराधों के आरोप थे। रविवार को कड़ी सुरक्षा के बीच उसका पोस्टमार्टम कराया गया जिसके बाद शव परिवार को सौंप दिया गया।
मां ने कहा- '30 साल से घर नहीं आया मेरा बेटा'
पोस्टमार्टम हाउस के बाहर बलराम की मां श्रमवती ने मीडिया से बात करते हुए अपनी भावनाओं को व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि उनका बेटा पिछले 30 साल से घर नहीं आया था। वह कभी-कभी फोन पर बात करता था लेकिन उन्होंने उसे सालों से नहीं देखा था। श्रमवती ने यह भी दावा किया कि उनके बेटे ने कोई अपराध नहीं किया था बल्कि वह बॉस की तरह जीवन जी रहा था।

श्रमवती ने पुलिस पर उनके छोटे बेटे नीरज को तीन दिन से हिरासत में रखने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि बहुत मिन्नतें करने के बाद उन्हें सिहानी गेट थाने में नीरज से मिलने दिया गया।
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परिवार और पुलिस का बयान
बलराम के परिवार में दो भाई और दो बहनें हैं जो अलग-अलग जगहों पर रहते हैं। उसके भतीजे ललित ठाकुर ने बताया कि उन्होंने अपने चाचा को कभी देखा ही नहीं था। वहीं पड़ोसियों ने भी कहा कि बलराम को सालों से मोहल्ले में नहीं देखा गया था।
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एसीपी वेव सिटी प्रियाश्री पाल ने बताया कि सभी कानूनी प्रक्रियाओं का पालन करते हुए बलराम के शव का पोस्टमार्टम कराया गया और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पोस्टमार्टम हाउस पर विशेष सुरक्षा व्यवस्था की गई थी।
यह घटना दिखाती है कि कैसे अपराध की दुनिया में जाने के बाद लोग अपने परिवार से दूर हो जाते हैं और अंत में उनका अंजाम क्या होता है।