Edited By Parveen Kumar,Updated: 07 Nov, 2025 09:41 PM

15 जनवरी 2026 से WhatsApp यूजर्स को एक बड़ी सुविधा से हाथ धोना पड़ेगा। Meta की नई पॉलिसी के तहत अब प्लेटफॉर्म पर थर्ड पार्टी AI चैटबॉट्स, जैसे कि ChatGPT या Perplexity AI, का इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगा। यह बदलाव खास तौर पर WhatsApp Business API...
नेशनल डेस्क: 15 जनवरी 2026 से WhatsApp यूजर्स को एक बड़ी सुविधा से हाथ धोना पड़ेगा। Meta की नई पॉलिसी के तहत अब प्लेटफॉर्म पर थर्ड पार्टी AI चैटबॉट्स, जैसे कि ChatGPT या Perplexity AI, का इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगा। यह बदलाव खास तौर पर WhatsApp Business API यूजर्स के लिए बड़ा झटका है, जो अपने ग्राहकों से बातचीत के लिए AI चैटबॉट्स का इस्तेमाल करते थे।
Meta की नई पॉलिसी का असर
Meta ने अपने API नियमों में संशोधन करते हुए कहा है कि 15 जनवरी 2026 से सामान्य AI चैटबॉट्स को WhatsApp पर इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं होगी। कंपनी का कहना है कि यह फैसला सिस्टम पर बढ़ते लोड और मैसेजिंग ट्रैफिक को नियंत्रित करने के लिए लिया गया है।
दूसरी ओर, OpenAI ने पुष्टि की है कि 15 जनवरी के बाद ChatGPT की सुविधा WhatsApp पर बंद कर दी जाएगी। वर्तमान में लगभग 5 करोड़ यूजर्स WhatsApp पर ChatGPT का इस्तेमाल कर रहे हैं- यानी यह बदलाव करोड़ों यूजर्स को प्रभावित करेगा।
OpenAI की प्रतिक्रिया
OpenAI ने अपने ब्लॉग पोस्ट में कहा कि वह WhatsApp पर अपनी सेवा जारी रखना चाहता था, लेकिन Meta की नई पॉलिसी के कारण यह संभव नहीं होगा। कंपनी फिलहाल इस ट्रांजिशन को आसान बनाने पर काम कर रही है ताकि यूजर्स अपनी पुरानी चैट हिस्ट्री को सुरक्षित रख सकें।
कैसे बचाएं अपनी चैट हिस्ट्री?
WhatsApp पर ChatGPT इंटीग्रेशन खत्म होने से पहले यूजर्स अपने चैट्स को ChatGPT अकाउंट से लिंक करके सेव कर सकते हैं। ऐसे करें प्रक्रिया:
- ChatGPT ऐप डाउनलोड करें (Android, iOS या डेस्कटॉप पर)।
- या फिर chat.openai.com पर जाएं और साइन इन करें।
- अपना ChatGPT अकाउंट बनाएं या लॉगिन करें।
- ChatGPT की WhatsApp प्रोफाइल (1-800-ChatGPT) खोलें।
- वहां दिए गए URL पर टैप करके अपने WhatsApp नंबर को ChatGPT अकाउंट से लिंक करें।
- लिंक होने के बाद, आपकी पुरानी WhatsApp चैट्स ChatGPT हिस्ट्री में दिखाई देंगी।
यूजर्स के लिए मायूसी, कंपनियों के लिए चुनौती
इस फैसले से न केवल आम यूजर्स, बल्कि छोटे और बड़े बिजनेस भी प्रभावित होंगे, जो AI चैटबॉट्स से कस्टमर सपोर्ट संभालते थे। अब उन्हें या तो Meta-स्वीकृत बॉट्स अपनाने होंगे या फिर अन्य प्लेटफॉर्म्स पर शिफ्ट होना पड़ेगा।