Edited By Radhika,Updated: 30 Sep, 2025 11:47 AM

राजधानी दिल्ली में अपराधों का ग्राफ overall भले ही बढ़ा हो, लेकिन कुछ मामलों में राहत मिली है, जबकि बच्चों के खिलाफ अपराधों ने चिंता बढ़ा दी है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक 2023 में दिल्ली में कुल 3.44 लाख से...
नेशनल डेस्क: राजधानी दिल्ली में अपराधों का ग्राफ overall भले ही बढ़ा हो, लेकिन कुछ मामलों में राहत मिली है, जबकि बच्चों के खिलाफ अपराधों ने चिंता बढ़ा दी है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक 2023 में दिल्ली में कुल 3.44 लाख से ज़्यादा आपराधिक मामले दर्ज हुए, जो 2022 की तुलना में 7.5% की बढ़ोतरी है।
सड़क पर अपराध का 'बुलंद' ग्राफ
दिल्ली में कुल अपराधों में सबसे बड़ा हाथ सड़क पर होने वाले अपराधों का रहा, खासकर चोरी का। 2023 में चोरी के 2.28 लाख से ज़्यादा मामले दर्ज हुए, जो पिछले साल से 10% ज़्यादा हैं। हत्या के मामले मामूली रूप से कम हुए हैं। बावजूद इसके दिल्ली 'मेगा सिटी' यानी बड़े शहरों में हत्या के मामलों में सबसे ऊपर बनी हुई है।

पॉक्सो: बच्चों पर बढ़ते खतरे की घंटी
दहेज हत्या और छेड़छाड़ के मामलों में कमी आई है, वहीं बच्चों के खिलाफ अपराधों की स्थिति बेहद चिंताजनक है। POCSO एक्ट के तहत बलात्कार के मामले 18% बढ़कर 1,052 हो गए। कुल मिलाकर बच्चों पर हुए अपराधों (हिंसा, अपहरण, हत्या सहित) में 31% की बड़ी वृद्धि दर्ज की गई है।
साइबर अपराध: आंकड़ों पर सवाल?
सबसे चौंकाने वाला आंकड़ा साइबर अपराधों में 40% की गिरावट का है। 2023 में सिर्फ 407 मामले दर्ज हुए। विशेषज्ञों का मानना है कि शिकायतें बढ़ रही हैं, लेकिन कई मामले दर्ज ही नहीं हो पाते या शुरुआती जांच में ही रुक जाते हैं। इसके अलावा दर्ज मामलों में भी चार्जशीट दर सिर्फ 49% है।