AIIMS की रिपोर्ट में खुलासा- प्रदूषण में मौजूद ज़हरीले कण अब हड्डियों को अंदर से गला रहे हैं! ये लोग रहे अलर्ट

Edited By Updated: 02 Dec, 2025 12:23 PM

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बढ़ता वायु प्रदूषण अब फेफड़ों के साथ respiratory system और हड्डियों और जोड़ों के लिए भी एक बड़ा खतरा बन गया है। दिल्ली-एनसीआर जैसे क्षेत्रों में हालात ज्यादा चिंताजनक है। AIIMS नई दिल्ली की एक स्टडी में खुलासा किया है कि प्रदूषित हवा में मौजूद पीएम...

नेशनल डेस्क: बढ़ता वायु प्रदूषण अब फेफड़ों के साथ respiratory system और हड्डियों और जोड़ों के लिए भी एक बड़ा खतरा बन गया है। दिल्ली-एनसीआर जैसे क्षेत्रों में हालात ज्यादा चिंताजनक है। AIIMS नई दिल्ली की एक स्टडी में खुलासा किया है कि प्रदूषित हवा में मौजूद पीएम 2.5 (PM2.5) जैसे छोटे कण शरीर के इम्यून सिस्टम (प्रतिरक्षा प्रणाली) को नुकसान पहुंचा रहे हैं। प्रदूषण क्यों बढ़ा रहा रुमेटॉइड आर्थराइटिस का खतरा?

AIIMS, दिल्ली में रुमेटोलॉजी विभाग की एचओडी डॉ. उमा कुमार के अनुसार इम्यून सिस्टम में खराबी के कारण कई बीमारियाँ होती हैं, जिनमें से एक रुमेटॉइड आर्थराइटिस है। यह एक ऑटोइम्यून बीमारी है, जिसमें प्रतिरक्षा प्रणाली गलती से शरीर के स्वस्थ ऊतकों पर हमला करने लगती है, जिससे जोड़ों में सूजन और दर्द होता है। डॉ. कुमार के मुताबिक बढ़ा हुआ प्रदूषण इस बीमारी के खतरे को बढ़ा रहा है और पुराने मरीजों की परेशानी को और भी ज्यादा बढ़ा रहा है।"दिल्ली में हर साल सर्दियों में रुमेटॉइड आर्थराइटिस मरीजों के लक्षण बढ़ जाते हैं। जिन मरीजों की हालत सालभर स्थिर रहती है, इस दौरान उनके लक्षण बढ़ जाते हैं। यह पैटर्न पिछले कई सालों से देखा जा रहा है, जिसका एक कारण सर्दियों में बढ़ा हुआ प्रदूषण हो सकता है।"

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डॉ. उमा ने समझाते हुए बताया कि प्रदूषण जोड़ों पर हमला कैसे करता है? उन्होंने बताया कि जब कोई व्यक्ति सांस लेता है, तो प्रदूषण में मौजूद पीएम 2.5 कण सांस की नली से होते हुए फेफड़ों के माध्यम से रक्त प्रवाह (खून) में चले जाते हैं।

ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस:

ये कण पूरे शरीर में घूमते हैं और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस तथा क्रॉनिक इंफ्लेमेशन (पुरानी सूजन) को बढ़ाते हैं।

इम्यून सिस्टम पर असर:

प्रदूषण इम्यून सिस्टम पर भी बुरा असर डालता है, जिसके कारण प्रतिरक्षा प्रणाली अपनी ही अच्छी सेल्स और टिश्यू पर अटैक करने लगती है, जिससे रुमेटॉइड आर्थराइटिस जैसी ऑटोइम्यून बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।

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इन लोगों को है सबसे ज्यादा खतरा

प्रदूषण से होने वाली हड्डियों और जोड़ों की समस्याओं का खतरा इन लोगों में अधिक है:

  • बुजुर्ग
  • महिलाएं (रुमेटॉइड आर्थराइटिस महिलाओं में अधिक आम है)
  • रुमेटॉइड आर्थराइटिस के मौजूदा मरीज
  • अस्थमा/एलर्जी से पीड़ित लोग

हड्डियों की बीमारी के सामान्य लक्षण

  • जोड़ों में लगातार दर्द
  • चलने-फिरने में भारी परेशानी
  • झुकते समय पीठ या जोड़ों में दर्द
  • हर समय थकान बने रहना

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प्रदूषण से बचाव के जरूरी उपाय

प्रदूषण के हानिकारक प्रभावों से बचने के लिए विशेषज्ञ कुछ कदम उठाने की सलाह देते हैं:

  • मॉर्निंग वॉक से बचें: जब तक प्रदूषण का स्तर बढ़ा हुआ है, मॉर्निंग वॉक या बाहर व्यायाम करने न जाएं।
  • मास्क का उपयोग: बाहर निकलने पर उच्च गुणवत्ता वाला मास्क (जैसे N95) जरूर पहनें।
  • एयर प्यूरीफायर: घर के अंदर की हवा को साफ रखने के लिए एयर प्यूरीफायर का उपयोग करें।
  • खानपान: एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर संतुलित और पौष्टिक खानपान का ध्यान रखें।

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