Edited By Pardeep,Updated: 18 Nov, 2025 06:05 AM

मंगलवार तड़के अरुणाचल प्रदेश के अपर सियांग जिले में भूकंप के झटके महसूस किए गए। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) के अनुसार, रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 3.6 मापी गई।
नेशनल डेस्कः मंगलवार तड़के अरुणाचल प्रदेश के अपर सियांग जिले में भूकंप के झटके महसूस किए गए। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) के अनुसार, रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 3.6 मापी गई। भूकंप सुबह के शुरुआती घंटों में आया, जिससे स्थानीय लोगों में कुछ देर के लिए घबराहट फैल गई, हालांकि अभी तक किसी तरह के नुकसान की जानकारी नहीं मिली है।
10 किलोमीटर की गहराई में था भूकंप का केंद्र
NCS की रिपोर्ट के मुताबिक, भूकंप पृथ्वी की सतह से 10 किलोमीटर की गहराई पर आया। इस तरह के कम गहराई वाले (शैलो) भूकंप ज़्यादा खतरनाक माने जाते हैं क्योंकि झटके ज़मीन की सतह तक बहुत तेज़ी से पहुंचते हैं।
कम गहराई वाले भूकंप क्यों होते हैं ज्यादा खतरनाक?
NCS के विशेषज्ञ बताते हैं कि जब भूकंप कम गहराई पर आता है, तो उसकी ऊर्जा सीधे और तेज़ी से सतह तक पहुंचती है। इससे जमीन पर हिलने की तीव्रता बढ़ जाती है। ज़्यादा झटकों का मतलब है कि घरों, इमारतों, पुलों और सड़कों को ज्यादा नुकसान हो सकता है। ऐसे भूकंपों में चोटों और जनहानि की आशंका भी बढ़ जाती है, खासकर वहां जहां आबादी ज्यादा है या बिल्डिंग्स कमजोर हैं।
क्षेत्र संवेदनशील माना जाता है
अरुणाचल प्रदेश और पूरा नॉर्थ-ईस्ट भारत भूकंप के मामले में संवेदनशील यानी हाई सीस्मिक जोन में आता है। यहां छोटे-मोटे झटके आते रहते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, यह क्षेत्र भूगर्भीय प्लेटों की हलचल के कारण सक्रिय रहता है।