Edited By Shubham Anand,Updated: 18 Sep, 2025 07:57 PM

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने सात करोड़ से अधिक अंशधारकों के लिए सेवाओं को सरल और पारदर्शी बनाने हेतु कई सुधार किए हैं। केंद्रीय श्रम मंत्री मनसुख मांडविया ने एकल लॉगिन, ‘पासबुक लाइट’ फीचर और ऑनलाइन ट्रांसफर सर्टिफिकेट डाउनलोड सुविधा की...
नेशनल डेस्क : कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने अपने सात करोड़ से अधिक अंशधारकों के लिए सेवाओं को और सरल, पारदर्शी और उपयोगकर्ता-अनुकूल बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण सुधारों की घोषणा की है। केंद्रीय श्रम मंत्री मनसुख मांडविया ने गुरुवार को बताया कि अब ईपीएफओ के सभी प्रमुख सेवाएं और खाते से जुड़ी जानकारियां एकल लॉगिन के जरिए यूनिफाइड पोर्टल पर उपलब्ध होंगी।
'पासबुक लाइट' फीचर की शुरुआत
मांडविया ने बताया कि अब तक अंशधारकों को अपने अंशदान और निकासी का विवरण देखने के लिए अलग से पासबुक पोर्टल पर लॉगिन करना पड़ता था। लेकिन नए 'पासबुक लाइट' फीचर को यूनिफाइड मेंबर पोर्टल (epfindia.gov.in) में शामिल कर लिया गया है। इस सुविधा के जरिए अंशधारक अपने अंशदान, निकासी और शेष राशि का संक्षिप्त विवरण सीधे पोर्टल पर देख सकेंगे, बिना अलग से पासबुक पोर्टल पर लॉगिन किए। हालांकि, विस्तृत ग्राफिकल पासबुक की सुविधा पहले की तरह पासबुक पोर्टल पर उपलब्ध रहेगी।
मंत्री ने कहा, "एकल लॉगिन की सुविधा से न केवल उपयोगकर्ता अनुभव बेहतर होगा, बल्कि पासबुक पोर्टल पर तकनीकी दबाव कम होगा और सिस्टम की संरचना भी सरल होगी।"
ट्रांसफर सर्टिफिकेट अब कर सकते हैं डाउनलोड
ईपीएफओ ने भविष्य निधि (पीएफ) स्थानांतरण में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए 'एनेक्सचर-के' (ट्रांसफर सर्टिफिकेट) को ऑनलाइन डाउनलोड करने की सुविधा शुरू की है। पहले यह सर्टिफिकेट केवल पीएफ कार्यालयों के बीच साझा होता था और अंशधारकों को अनुरोध पर ही उपलब्ध होता था। नई व्यवस्था में सदस्य इसे पीडीएफ फॉर्मेट में सीधे डाउनलोड कर सकेंगे, जिससे वे अपने खाते की राशि और सेवा अवधि के ब्योरे की पुष्टि कर पाएंगे।
मांडविया ने कहा, "यह सुविधा न केवल पारदर्शिता बढ़ाएगी, बल्कि कर्मचारी पेंशन योजना (ईपीएस) से जुड़े लाभों के लिए स्थायी डिजिटल रिकॉर्ड भी प्रदान करेगी।"
सेवा वितरण में तेजी के लिए सुधार
ईपीएफओ ने दावों के निपटान को तेज करने के लिए मंजूरी प्रक्रिया में भी बदलाव किया है। पहले स्थानांतरण, निपटान, अग्रिम राशि और रिफंड जैसी सेवाओं के लिए वरिष्ठ अधिकारियों की स्वीकृति अनिवार्य थी, जिससे प्रक्रिया में देरी होती थी। अब यह अधिकार सहायक आयुक्तों और निचले स्तर तक क्रमबद्ध ढंग से सौंपा गया है।
श्रम मंत्री ने कहा, "इन सुधारों से दावों का त्वरित निपटान, स्वीकृति प्रक्रिया का सरलीकरण, जवाबदेही में वृद्धि और अंशधारकों की संतुष्टि सुनिश्चित होगी।"
अंशधारकों के लिए बड़ा कदम
ईपीएफओ के इन सुधारों को सात करोड़ से अधिक अंशधारकों के लिए एक बड़े कदम के रूप में देखा जा रहा है। एकल लॉगिन और ऑनलाइन सुविधाओं से न केवल समय की बचत होगी, बल्कि पारदर्शिता और उपयोगकर्ता अनुभव में भी सुधार होगा। ये कदम डिजिटल इंडिया की दिशा में एक और प्रगति को दर्शाते हैं, जिससे कर्मचारियों को अपनी भविष्य निधि से जुड़ी सेवाएं प्राप्त करना आसान हो जाएगा।