Edited By rajesh kumar,Updated: 12 Nov, 2022 03:26 PM

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन की अध्यक्षता में शनिवार को हुई सर्वदलीय बैठक में आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (ईडब्ल्यूएस) को 10 प्रतिशत कोटा प्रदान करने वाले संविधान संशोधन को यह कहते हुए खारिज कर दिया गया कि इससे गरीबों के बीच ‘‘जातिगत...
नेशनल डेस्क: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन की अध्यक्षता में शनिवार को हुई सर्वदलीय बैठक में आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (ईडब्ल्यूएस) को 10 प्रतिशत कोटा प्रदान करने वाले संविधान संशोधन को यह कहते हुए खारिज कर दिया गया कि इससे गरीबों के बीच ‘‘जातिगत भेदभाव'' पैदा हुआ है। मुख्य विपक्षी दल अन्नाद्रमुक और उसकी सहयोगी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बैठक का बहिष्कार किया।
बैठक में राज्य सरकार से ईडब्ल्यूएस आरक्षण बरकरार रखने के उच्चतम न्यायालय के फैसले के खिलाफ समीक्षा याचिका दायर करने के फैसले पर ‘‘दृढ़ता से'' आगे बढ़ने का आग्रह किया गया है। सत्तारूढ़ द्रमुक पहले ही घोषणा कर चुकी है कि वह ईडब्ल्यूएस आरक्षण को बरकरार रखने के आठ नवंबर के उच्चतम न्यायालय के फैसले के खिलाफ समीक्षा याचिका दाखिल करेगी।
सर्वदलीय बैठक में कहा गया है, ‘हम 103वें संविधान संशोधन को खारिज करते हैं, जिसमें प्रगति कर चुकी जातियों को 10 प्रतिशत आरक्षण प्रदान किया गया है। यह संविधान द्वारा परिकल्पित सामाजिक न्याय और शीर्ष अदालत के विभिन्न फैसलों के खिलाफ है और गरीबों के बीच जातिगत भेदभाव पैदा करता है।'