ट्रंप की धमकियां और दबाव सब फेलः भारत ने रूस से खरीदा सबसे ज्यादा तेल, यूरोपीय-एशियाई देशों से आयात किया कम

Edited By Updated: 01 Oct, 2025 04:54 PM

exclusive india s russian oil imports set to rise in september

अमेरिकी टैरिफ़ के दबाव के बावजूद भारत ने सितंबर 2025 में रूस से सबसे अधिक कच्चा तेल खरीदा। कुल तेल आयात का लगभग 33% रूस से हुआ। सितंबर में 16 लाख बैरल प्रति दिन की आयात दर रही, जो अगस्त से 6% कम है। जून में यह दर 21 लाख थी।

International Desk: अंतर्राष्ट्रीय बाजार में रूस से तेल न खरीदने के अमेरिकी दबाव और टैरिफ़ के बावजूद, भारत ने सितंबर 2025 में रूस से सबसे अधिक कच्चा तेल खरीदा। सितंबर में भारत ने कुल तेल आयात का लगभग एक तिहाई यानी करीब 33.3% रूस से ही किया। रिपोर्टों के अनुसार, भारत ने अगस्त की तुलना में यूरोपीय और एशियाई देशों से तेल आयात कम किया। रूस से सितंबर में भारत ने लगभग 16 लाख बैरल प्रति दिन कच्चा तेल खरीदा, जो अगस्त में 17 लाख बैरल प्रति दिन की तुलना में लगभग 6% कम है। यह गिरावट अमेरिकी टैरिफ़ के प्रभाव के कारण हुई है।

 

पिछले महीनों का डेटा

  • जून 2025 में भारत ने रूस से 21 लाख बैरल प्रति दिन तेल खरीदा था।
  • इसके बाद अमेरिका ने भारत पर 50% टैरिफ़ लगाने की घोषणा की, जिससे रूस से तेल आयात में थोड़ी कमी आई।
  • इसके बावजूद, सितंबर में भारत ने कुल 48 मिलियन बैरल कच्चा तेल खरीदा, जो कि अगस्त की तुलना में 6% अधिक है।

 
भारत की यह रणनीति यह दिखाती है कि अमेरिकी दबाव और टैरिफ़ के बावजूद भारत ने अपने ऊर्जा आपूर्ति के हित में रूस से आयात बनाए रखा। यह कदम भारत की ऊर्जा सुरक्षा और वैश्विक तेल बाजार में रणनीतिक संतुलन बनाए रखने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है। अमेरिका की आर्थिक दबाव नीति के बावजूद भारत ने रूस से तेल आयात जारी रखा और कुल तेल खपत में वृद्धि दर्ज की। यह संकेत है कि भारत अपनी ऊर्जा जरूरतों को ध्यान में रखते हुए अंतरराष्ट्रीय दबावों के बावजूद रणनीतिक निर्णय ले रहा है।

 

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