किसानों ने विपक्षी सांसदों को जारी किया ‘मतदाता व्हिप', बोले- सदन में उठाएं हमारी बात

Edited By Updated: 16 Jul, 2021 08:52 PM

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प्रदर्शनकारी किसानों ने शुक्रवार को एक पत्र के जरिये विपक्षी सांसदों को “मतदाता व्हिप” जारी कर उनसे संसद के मानसून सत्र के दौरान हर दिन सदन में मौजूद रहने और तब तक कोई कामकाज नहीं होने देने को कहा जब तक “केंद्र सरकार सदनों में किसानों की मांग...

नई दिल्लीः प्रदर्शनकारी किसानों ने शुक्रवार को एक पत्र के जरिये विपक्षी सांसदों को “मतदाता व्हिप” जारी कर उनसे संसद के मानसून सत्र के दौरान हर दिन सदन में मौजूद रहने और तब तक कोई कामकाज नहीं होने देने को कहा जब तक “केंद्र सरकार सदनों में किसानों की मांग मान नहीं लेती।” उन्होंने सांसदों से कहा कि वे बहिर्गमन न करें और भले ही उन्हें निलंबित या हटा दिया जाए तो भी वे सदन में वापस लौट जाएं जिससे सरकार “अपना कामकाज निर्बाध रूप से आगे न बढ़ा पाए।”

केंद्र के तीन नए कृषि-विपणन कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने सांसदों से कहा कि “मतदाताओं का व्हिप” उनकी पार्टी द्वारा जारी व्हिप से ऊपर है। एसकेएम ने कहा, “अगर आप और आपकी पार्टी मतदाताओं को व्हिप का उल्लंघन करते हैं तो भारत के किसान हर सार्वजनिक मंच पर आपका विरोध करने के लिये बाध्य होंगे जैसे कि भारतीय जनता पार्टी और उसके सहयोगी दलों के नेताओं, विधायकों, सांसदों का करते हैं।”

एसकेएम ने कहा कि यह पत्र सांसदों को शनिवार को भेजा या सौंपा जाएगा जो इस बात का पूर्व संकेत होगा कि किसान 22 जुलाई को संसद के बाहर प्रदर्शन शुरू करने जा रहे हैं। प्रदर्शनकारी किसानों ने सांसदों को “निर्देश” दिया है कि वे उनके मुद्दे उठाएं और सुनिश्चित करें: “आप 19 जुलाई 2021 से शुरू हो रहे मानसून सत्र के सभी दिन संसद में मौजूद रहें, आप और आपकी पार्टी अनिवार्य रूप से बिना क्रम तोड़े किसानों के मुद्दे उठाए और सदन में किसानों के आंदोलन की उपरोक्त उल्लेखित मांगों का समर्थन करे।” इसमें सांसदों से मांग की गई है कि वे सदन में तब तक “कोई और काम” नहीं होने दें जब तक “केंद्र सरकार सदन में किसानों की मांग मान नहीं लेती।”

पत्र में मांग की गई, “आप और आपकी पार्टी का कोई सदस्य ‘बहिर्गमन' नहीं करेगा जिससे सरकार को निर्बाध रूप से अपना काम काज आगे बढ़ाने का मौका मिल जाता है, अगर आपको सदन से निलंबित या हटा भी दिया जाता है तो भी आप सदन में जरूर जाएंगे।” किसान संगठन की योजना है कि 13 अगस्त तक चलने वाले मानसून सत्र के दौरान प्रतिदिन संसद के बाहर करीब 200 किसान प्रदर्शन करेंगे। उसने शुक्रवार को यह भी घोषणा की कि संसद के बाहर प्रदर्शन में शामिल होने वाले किसानों को पहचान-पत्र जारी किए जाएंगे। 

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