Edited By Pardeep,Updated: 06 Nov, 2025 10:42 PM

दिल्ली अग्निशमन सेवा (डीएफएस) को 2024 तक, 15 वर्षों में चार लाख से अधिक आपातकालीन फोन आए, जबकि राष्ट्रीय राजधानी में 6,611 लोगों ने आग, इमारत गिरने और सड़क दुर्घटनाओं सहित अन्य हादसों में जान गंवाई।
नई दिल्लीः दिल्ली अग्निशमन सेवा (डीएफएस) को 2024 तक, 15 वर्षों में चार लाख से अधिक आपातकालीन फोन आए, जबकि राष्ट्रीय राजधानी में 6,611 लोगों ने आग, इमारत गिरने और सड़क दुर्घटनाओं सहित अन्य हादसों में जान गंवाई।
इसकी वेबसाइट पर उपलब्ध आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2011-12 में सबसे कम 18,143, जबकि 2022-23 में सबसे अधिक 31,958 फोन आए। वर्ष 2010-11 में दुर्घटनाओं में सबसे कम 243 लोग घायल हुए थे, जबकि वर्ष 2023-24 में दुर्घटनाओं में घायल होने वालों की संख्या 3,232 रही, जो सर्वाधिक है।
आंकड़ों के अनुसार, 2016-17 में मरने वालों की संख्या सबसे कम 277 थी, जबकि 2023-24 में 1,303 लोगों ने जान गंवाई, जिससे यह ऐसा वित्तीय वर्ष रहा जिसमें सबसे अधिक मौतें हुईं। विभाग की वेबसाइट पर उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2009-10 से वित्त वर्ष 2023-2024 तक, दिल्ली में इन घटनाओं में 6,611 मौतें हुईं, जिनमें अग्निशमन सेवा को सहायता के लिए बुलाया गया था।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने मीडिया को बताया कि इन आंकड़ों में न केवल आग से संबंधित घटनाएं शामिल हैं, बल्कि इमारत गिरने, सड़क दुर्घटनाएं और अन्य आपात स्थितियां भी शामिल हैं, जहां विभाग द्वारा मदद किये जाने की आवश्यकता थी। शहर में 2020 से मौतें होने के मामलों में लगातार वृद्धि देखी गई। 2020-21 में 346 मौतें हुईं, जबकि 2021-22 में 591 मौतें हुईं जो लगभग 70 प्रतिशत की वृद्धि है।
आंकड़ों के अनुसार, 2022-23 में मौतों की संख्या में भारी वृद्धि हुई और 1,029 मौतें (74 प्रतिशत की वृद्धि) हुईं, और 2023-2024 में हादसों में मरने वालों की संख्या बढ़कर 1,303 हो गई, यह वृद्धि 27 फीसदी थी। दिल्ली में हाल के वर्षों में कई भीषण अग्निकांड हुए हैं। अधिकारियों के अनुसार, आग लगने के कारणों में अवैध संचालन और सुरक्षा मानदंडों का पालन न करना शामिल है।