Edited By Rahul Rana,Updated: 05 Sep, 2025 08:50 PM

पीलीभीत के बडेपुरा धरमा गांव में बाढ़ के कारण गर्भवती प्रीति को प्रसव पीड़ा हुई। एसडीएम और प्रशासन की मदद से उन्हें ट्रैक्टर-ट्रॉली से जलमग्न क्षेत्र से बाहर निकालकर अस्पताल पहुंचाया गया। वहां प्रीति ने एक बेटे को जन्म दिया, जिसे गांव वालों ने बाढ़...
नेशनल डेस्कः पीलीभीत के बडेपुरा धरमा गांव में बाढ़ के बीच गर्भवती महिला प्रीति को प्रसव पीड़ा हुई। प्रशासनिक मदद से उन्हें जलमग्न इलाके से बाहर निकालकर अस्पताल पहुंचाया गया, जहाँ उन्होंने एक बेटे को जन्म दिया। बाढ़ की स्थिति को ध्यान में रखते हुए गांव वालों ने नवजात का ‘सैलाब सिंह’ नाम दिया।
क्या है पूरा मामला?
पीलीभीत के बडेपुरा धरमा गांव में बाढ़ के बीच गर्भवती महिला प्रीति को प्रसव पीड़ा शुरू होने पर परिवार ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से संपर्क किया, जहां उन्हें सलाह दी गई कि गर्भवती को किसी तरह गांव के बाहर लाना होगा। इस दौरान एसडीएम नागेंद्र सिंह गांव पहुंच गए और ट्रैक्टर-ट्रॉली की मदद से प्रीति और उसके परिजनों को तीन किलोमीटर की जलमग्न दूरी पार कराकर सुरक्षित क्षेत्र तक पहुंचाया। वहां पहले से खड़ी एंबुलेंस से उन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भेजा गया, जहां दोपहर में प्रीति ने स्वस्थ पुत्र को जन्म दिया।
खेत और रास्ते पूरी तरह पानी में डूबे
परिवार के सदस्यों ने खुशी जाहिर करते हुए कहा, "सैलाब सिंह आया है," जो जल्द ही पूरे गांव में प्रसारित हो गया। नवजात को बाढ़ की कठिन परिस्थिति में जन्म देने के सम्मान में ‘सैलाब सिंह’ नाम दिया गया। बढ़ती जिले के 40 गांवों में करीब 55 हजार लोग बाढ़ की मार झेल रहे हैं। बडेपुरा धरमा गांव भी इससे अछूता नहीं है, जहां खेत और रास्ते पूरी तरह पानी में डूबे हैं और ग्रामीण घरों में कैद हैं। बाढ़ से जिले के ग्रामीण मुश्किल हालात का सामना कर रहे हैं, लेकिन प्रशासन की तत्परता और गांव के सहयोग से कई जानें बचाई जा रही हैं।