Edited By Harman Kaur,Updated: 21 Jul, 2025 04:28 PM

गर्मी या उमस के मौसम में रात में पसीना आना सामान्य माना जाता है, लेकिन यदि कमरे का तापमान सामान्य हो और फिर भी बार-बार पसीने से बिस्तर भीग जाए, तो यह एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या का संकेत हो सकता है। मेडिकल भाषा में इसे "नाइट स्वेट्स" कहा जाता है।...
नेशनल डेस्क: गर्मी या उमस के मौसम में रात में पसीना आना सामान्य माना जाता है, लेकिन यदि कमरे का तापमान सामान्य हो और फिर भी बार-बार पसीने से बिस्तर भीग जाए, तो यह एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या का संकेत हो सकता है। मेडिकल भाषा में इसे "नाइट स्वेट्स" कहा जाता है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह स्थिति हार्मोनल असंतुलन, संक्रमण, मानसिक तनाव या यहां तक कि कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों से भी जुड़ी हो सकती है।
क्या हो सकते हैं कारण?
- हार्मोनल असंतुलन
महिलाओं में मेनोपॉज या पीरियड्स से पहले एस्ट्रोजन स्तर में गिरावट और पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन की कमी नाइट स्वेट्स का कारण बन सकती है। थायरॉयड या अन्य एंडोक्राइन डिसऑर्डर भी इसे बढ़ा सकते हैं।
- मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं
चिंता, डिप्रेशन और एंग्जायटी से शरीर की नर्वस सिस्टम अधिक एक्टिव हो जाती है, जिससे रात को पसीना आ सकता है। इसके अलावा, एंटीडिप्रेसेंट और कुछ दवाएं भी शरीर के तापमान को प्रभावित करती हैं।
- संक्रमण या गंभीर बीमारी
अगर नाइट स्वेट्स के साथ वजन कम होना, भूख न लगना और लगातार बुखार जैसे लक्षण भी दिखें, तो यह टीबी (ट्यूबरकुलोसिस) का संकेत हो सकता है। इसके अलावा, HIV, मलेरिया, ब्रुसेलोसिस जैसे संक्रमण भी जिम्मेदार हो सकते हैं।
कब सतर्क हो जाएं?
यदि नाइट स्वेट्स के साथ लगातार थकान, सांस की तकलीफ, वजन में कमी, भूख में गिरावट या बुखार जैसे लक्षण नजर आएं, तो डॉक्टर से जांच करवाना जरूरी है। यह किसी गंभीर बीमारी का शुरुआती संकेत हो सकता है, जिसे समय पर पकड़ना जरूरी है।