Edited By Mansa Devi,Updated: 10 Dec, 2025 05:08 PM

किडनी हमारे शरीर के लिए बेहद जरूरी अंग है। यह खून को साफ करने, मिनरल संतुलन बनाए रखने और फ्लूइड बैलेंस नियंत्रित करने में मदद करती है। लेकिन जब किडनी धीरे-धीरे कमजोर होने लगती है, तो शरीर में बढ़ते टॉक्सिन कई बार सबसे पहले त्वचा पर दिखाई देते हैं।
नेशनल डेस्क: किडनी हमारे शरीर के लिए बेहद जरूरी अंग है। यह खून को साफ करने, मिनरल संतुलन बनाए रखने और फ्लूइड बैलेंस नियंत्रित करने में मदद करती है। लेकिन जब किडनी धीरे-धीरे कमजोर होने लगती है, तो शरीर में बढ़ते टॉक्सिन कई बार सबसे पहले त्वचा पर दिखाई देते हैं। विशेषज्ञ बताते हैं कि त्वचा पर नजर आने वाले बदलाव क्रॉनिक किडनी डिजीज (CKD) के शुरुआती संकेत हो सकते हैं।
त्वचा का अत्यधिक सूखापन
बहुत रूखी, खुरदरी त्वचा CKD का आम संकेत है। TOI की रिपोर्ट के अनुसार, CKD वाले लगभग 72 प्रतिशत लोगों में जेरोसिस यानी अत्यधिक सूखी त्वचा पाई गई। किडनी हमारे पसीने और ऑयल ग्लैंड को नियंत्रित करती है, इसलिए इसकी कमजोरी से त्वचा सूखने लगती है।
नुकसान: सूखी त्वचा में दरारें पड़ सकती हैं, जिससे इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है।
➤ रोजाना हल्के मॉइस्चराइजर का इस्तेमाल करें।
➤ लंबे समय तक गर्म पानी से नहाने से बचें।
➤ कॉटन जैसे सांस लेने वाले कपड़े पहनें।
➤ यदि सूखापन लगातार बना रहे, तो डॉक्टर से किडनी की जांच कराना जरूरी है।
लगातार खुजली होना
किडनी की कमजोरी में लगातार और तीव्र खुजली आम समस्या है। जब शरीर में यूरिया और अपशिष्ट बढ़ते हैं, तो त्वचा के नर्व्स प्रभावित होते हैं, जिससे खुजली बढ़ती है।
संख्या: लगभग 56% CKD मरीज इस समस्या का सामना करते हैं।
नुकसान: लगातार खुजलाने से त्वचा पर घाव, निशान या मोटे पैच बन सकते हैं। कभी-कभी खुजली इतनी बढ़ जाती है कि नींद और रोजमर्रा के काम प्रभावित होते हैं।
इलाज:
डॉक्टर टॉपिकल क्रीम, UVB थेरेपी या ओटमील बाथ की सलाह दे सकते हैं।
➤ सबसे जरूरी है किडनी की समस्या को नियंत्रित करना।
➤ त्वचा पर दाने, रैशेज या बैंगनी पैच
➤ किडनी ज्यादा खराब होने पर त्वचा पर रैशेज या छोटे-छोटे बम्प्स दिखाई देने लगते हैं। जब खून में अपशिष्ट बढ़ता है, तो ये बम्प्स खुजली वाले पैच में बदल जाते हैं।
संभावित संकेत:
➤ रैश, बैंगनी धब्बे या अल्सर, खासकर पैरों पर।
➤ गंभीर स्थिति में कैल्सिफिलैक्सिस, जिसमें त्वचा कठोर और अल्सर जैसी हो जाती है।
➤ संख्या: लगभग 43% CKD मरीज फंगल या बैक्टीरियल इंफेक्शन से भी जूझते हैं।
सुरक्षा:
➤ माइल्ड, फ्रेगरेंस-फ्री साबुन का इस्तेमाल करें।
➤ त्वचा को रगड़ने की बजाय हल्के हाथों से पोंछें।
➤ यदि रैश बढ़े, दर्द हो या पस निकलने लगे, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।