train making cost: 20 कोचों वाली एक ट्रेन की कीमत? सुनकर हैरान हो जाएंगे

Edited By Updated: 28 Nov, 2025 03:12 PM

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भारत की रेलगाड़ियां सिर्फ दो शहरों को जोड़ने वाली धातु की लंबी धारा नहीं हैं-ये देश की नसों में बहती वह ऊर्जा हैं, जिन पर आम आदमी का रोज़मर्रा और उद्योगों का भविष्य दोनों टिका है। हम लोग कुछ 100 रुपये में टिकट लेकर आराम से सफर कर लेते हैं, लेकिन...

 नेशनल डेस्क: भारत की रेलगाड़ियां सिर्फ दो शहरों को जोड़ने वाली धातु की लंबी धारा नहीं हैं—ये देश की नसों में बहती वह ऊर्जा हैं, जिन पर आम आदमी का रोज़मर्रा और उद्योगों का भविष्य दोनों टिका है। हम लोग कुछ सौ रुपये में टिकट लेकर आराम से सफर कर लेते हैं, लेकिन शायद ही कभी सोचते हों कि इस 'चलती-फिरती धातु की कॉलोनी' को तैयार करने में कितनी बड़ी राशि लगती है। कोई एक पहिया सस्ता नहीं होता, और पूरी ट्रेन तो करोड़ों में खड़ी होती है। आइए जानते हैं, वो अदृश्य खर्च जिन पर रेलगाड़ियां खड़ी हैं।

LHB कोच-सुरक्षा और आराम की नई परिभाषा

भारतीय रेल की ज्यादातर यात्री गाड़ियां अब जर्मन तकनीक से प्रेरित एलएचबी कोच से लैस हैं। तेज रफ्तार, कम झटका और बेहतर सुरक्षा के लिए इन कोचों की मांग बहुत बढ़ी है।
एक LHB कोच तैयार करने का खर्च: करीब ₹2.5–3 करोड़

20 कोचों वाली एक ट्रेन की कीमत? सुनकर हैरान हो जाएंगे

20 LHB कोच जोड़ दीजिए, सिर्फ कोचों पर ही ₹50–60 करोड़ तक का खर्च!
इतनी रकम में कई छोटे उद्योग शुरू हो जाते हैं।

अब बात इंजन की—सबसे महंगे 'खिलाड़ी' की

आज अधिकतर ट्रेनें इलेक्ट्रिक इंजन से चलती हैं, क्योंकि ये तेज, पर्यावरण अनुकूल और मेंटेनेंस में हल्के पड़ते हैं।

  • इलेक्ट्रिक इंजन की लागत: ₹12–15 करोड़

  • डीजल इंजन की लागत: ₹10–12 करोड़

यानी अकेला इंजन ही किसी बड़े हाउसिंग प्रोजेक्ट जितना महंगा!

ट्रेन की रीढ़—बोगी का खर्च

पहिए, ब्रेक सिस्टम, एक्सल, शॉक एब्जॉर्बर—सब बोगी पर टिका होता है।
एक बोगी की लागत: ₹25–30 लाख
20 कोच × दो बोगियां = करीब ₹10–12 करोड़ सिर्फ इस हिस्से में।

कोच के अंदर की सुविधाएं—आराम की कीमत

पंखे, सीट, बर्थ, लाइट, एसी, सेंसर, बायो-टॉयलेट—इन सब पर ₹40–50 लाख प्रति कोच खर्च आता है।
इस तरह एक कोच का पूरा बिल लगभग ₹3 करोड़ तक पहुंच जाता है।

 देश का गर्व—वंदे भारत ट्रेन का बजट

टेक्नोलॉजी और डिज़ाइन के मामले में यह ट्रेन भारतीय रेलवे की शान है।
एक सेट (16 कोच + 2 ड्राइविंग कार) तैयार करने पर ₹110–120 करोड़ तक की लागत आती है।

एक साधारण एक्सप्रेस ट्रेन का कुल खर्च कितना?

सभी हिस्सों को जोड़ दें तो एक सामान्य एक्सप्रेस ट्रेन तैयार करने में ₹70–80 करोड़ की भारी रकम लगती है।

रेलवे की कमाई—कहां से आती है?

ट्रेनों के चलने के बाद रेलवे कई स्रोतों से आय प्राप्त करता है:

  • मालगाड़ियां (सबसे बड़ा राजस्व)

  • यात्री टिकट

  • पार्सल

  • स्क्रैप

  • स्टेशन सेवाएं

मीडिया रिपोर्टों के अनुसार भारतीय रेलवे रोज़ लगभग ₹400 करोड़ कमाता है

यात्रियों पर औसत खर्च:

  • साधारण ट्रेनें: 40–50 रुपये प्रति यात्री

  • प्रीमियम ट्रेनों (शताब्दी/राजधानी/वंदे भारत): 100–500 रुपये प्रति यात्री

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