Rail Fare Hike: रेलवे सफर को लेकर बड़ी खबर: इन ट्रेनों के किराए में कोई बदलाव नहीं

Edited By Updated: 23 Dec, 2025 12:59 PM

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रेलवे सफर को लेकर एक बड़ी खबर सामने आ रही है, जो करोड़ों यात्रियों की जेब पर सीधा असर डालेगी। हालांकि, यह खबर जितनी चिंताजनक दिख रही है, असल में उतनी है नहीं। भारतीय रेलवे ने 26 दिसंबर 2025 से अपने किराया ढांचे (Fare Structure) में मामूली बदलाव करने...

नेशनल डेस्क: रेलवे सफर को लेकर एक बड़ी खबर सामने आ रही है, जो करोड़ों यात्रियों की जेब पर सीधा असर डालेगी। हालांकि, यह खबर जितनी चिंताजनक दिख रही है, असल में उतनी है नहीं। भारतीय रेलवे ने 26 दिसंबर 2025 से अपने किराया ढांचे (Fare Structure) में मामूली बदलाव करने का फैसला किया है।

अगर आप अक्सर ट्रेन से सफर करते हैं, तो आइए समझते हैं कि इस बदलाव का आपकी जेब पर कितना और कैसा असर पड़ेगा।

1. किराए में बढ़ोतरी: क्यों और कितनी?

रेलवे के अनुसार, ट्रेनों के संचालन (Operational Costs), कर्मचारियों के वेतन और सुविधाओं को आधुनिक बनाने में आने वाले खर्चों को देखते हुए यह कदम उठाया गया है। लेकिन खास बात यह है कि यह बढ़ोत्तरी "किलोमीटर" के आधार पर तय की गई है:

  • जनरल कोच: 215 किमी से अधिक की यात्रा पर 1 पैसा प्रति किमी का अतिरिक्त चार्ज।

  • स्लीपर और एसी कोच: मेल/एक्सप्रेस ट्रेनों के इन डिब्बों में 2 पैसे प्रति किमी की बढ़ोत्तरी।

2. लंबी दूरी पर कितना होगा असर? (एक उदाहरण)

अंकों में यह बढ़ोत्तरी बहुत छोटी लग सकती है। इसे एक उदाहरण से समझते हैं: मान लीजिए आप 500 किलोमीटर की यात्रा कर रहे हैं, तो नॉन-एसी कोच में आपका किराया सिर्फ ₹10 बढ़ेगा। दिल्ली से पटना जैसे लंबे रूट पर भी यह अंतर मात्र ₹10 से ₹20 के बीच रहने वाला है। यानी चाय के एक कप की कीमत जितनी बढ़ोत्तरी!

3. किसे मिली है 'किराया मुक्त' राहत?

इस पूरे बदलाव में सबसे बड़ी राहत शॉर्ट-डिस्टेंस (कम दूरी) के यात्रियों को दी गई है। अगर आप निम्नलिखित श्रेणियों में आते हैं, तो आप पर इस बढ़ोत्तरी का कोई असर नहीं होगा:

  • 215 किमी से कम की यात्रा: छोटी दूरी के सफर पर किराया पहले जैसा ही रहेगा।

  • लोकल ट्रेन (Suburban Trains): मुंबई, दिल्ली, कोलकाता जैसे शहरों की लाइफलाइन यानी लोकल ट्रेनों के किराए में कोई बदलाव नहीं है।

  • डेली पैसेंजर्स: जो लोग MST (मंथली सीजन टिकट) के जरिए रोजाना अप-डाउन करते हैं, उन्हें भी इस बढ़ोत्तरी से पूरी तरह बाहर रखा गया है।

4. रेलवे का तर्क: सुविधाएं बनाम खर्च

रेलवे का कहना है कि यह पहली बार नहीं है जब बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए किराए में मामूली फेरबदल किया गया है। वर्तमान में रेलवे अपनी कमाई का एक बड़ा हिस्सा यात्री सुविधाओं और सुरक्षा पर खर्च कर रहा है। कम दूरी के यात्रियों को इस दायरे से बाहर रखने का उद्देश्य आम आदमी और दैनिक मजदूरों पर आर्थिक बोझ कम करना है।

फटाफट सारांश (Quick Check)

श्रेणी

बढ़ोत्तरी

किन पर लागू नहीं

जनरल कोच

1 पैसा / किमी

215 किमी से कम की यात्रा

स्लीपर/एसी

2 पैसे / किमी

लोकल ट्रेन यात्री

अधिकतम बोझ

₹10 से ₹20 तक

MST कार्ड धारक

 

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