Gold Rate Down: क्या जल्द सस्ता होगा सोना? RBI के इस कदम ने बढ़ाई उम्मीद

Edited By Updated: 12 Sep, 2025 03:48 PM

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भारत में 22 और 24 कैरेट सोने की कीमतें एक लाख रुपये के पार पहुंच गई हैं, लेकिन रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया समेत कई सेंट्रल बैंकों ने जुलाई 2025 में सोने की खरीद में 70% की कमी की है। बढ़ती कीमतों और वैश्विक राजनीतिक तनावों के कारण खरीदारी धीमी हुई है।...

नेशनल डेस्कः भारत में सोने की कीमतें नए रिकॉर्ड छू रही हैं, जहां 22 और 24 कैरेट सोना अब एक लाख रुपये प्रति 10 ग्राम के पार पहुंच चुका है। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि इतनी ऊंची कीमतों के बीच रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया सहित विश्व के कई सेंट्रल बैंकों ने सोने की खरीद में कमी क्यों की है। विशेषज्ञों का मानना है कि बढ़ती कीमतों और वैश्विक आर्थिक-राजनीतिक स्थितियों के चलते यह रुख अपनाया गया है। सोने की बढ़ती कीमतों के बीच इन बैंकों की खरीद में गिरावट ने बाजार में कीमतों के स्थिर या घटने के संकेत दिए हैं।

जुलाई 2024 में सेंट्रल बैंकों ने सोने की खरीदारी काफी अधिक की थी, लेकिन इस बार जुलाई 2025 में उनकी खरीदारी करीब 70 फीसदी कम रही। विशेषज्ञों का मानना है कि इस वजह से रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने भी सोना खरीदने में हिचक दिखाई है, जबकि सोने की कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर हैं। सवाल यह उठता है कि क्या आने वाले समय में सोना सस्ता हो सकता है?

सोने की कीमतें बढ़ने से कम हुई खरीदारी

ईटी की रिपोर्ट के अनुसार, सोने की कीमतों के बढ़ने से सेंट्रल बैंकों ने सोने की खरीद में कमी की है। दिल्ली में 11 सितंबर को 24 कैरेट सोने की कीमत 1,10,000 रुपये प्रति 10 ग्राम और 22 कैरेट की कीमत 1,06,000 रुपये से ऊपर पहुंच गई। एक्सपर्ट बताते हैं कि बढ़ती कीमतों के कारण उपभोक्ता भी सोना खरीदने में संकोच कर रहे हैं और दामों में गिरावट का इंतजार कर रहे हैं। इसी कारण RBI और अन्य सेंट्रल बैंकों ने भी सोने की खरीद कम की है।

वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के अनुसार, जुलाई 2025 में विश्व के सेंट्रल बैंकों ने कुल नेट 10 टन सोना खरीदा, जो जुलाई 2024 की तुलना में 70 फीसदी कम है। पहली तिमाही में सेंट्रल बैंकों ने कुल 123 टन सोना खरीदा, जो पिछले साल के 130 टन से कम है। भारतीय रिजर्व बैंक भी इस प्रवृत्ति का पालन कर रहा है।

सोने की बढ़ती कीमतों का मुख्य कारण

केनरा बैंक के चीफ इकोनॉमिस्ट जी माधवनकुट्टी के मुताबिक, सोने की बढ़ती कीमतों का मुख्य कारण वैश्विक राजनीतिक और भू-राजनीतिक तनाव हैं। जब ये तनाव कम होंगे, तब सोने की कीमतों में गिरावट आ सकती है और सेंट्रल बैंक गोल्ड रिजर्व बढ़ाने के लिए बेहतर मौके तलाशेंगे। माधवनकुट्टी के अनुसार, RBI भी इसी पैटर्न पर चल रहा है और वर्तमान में बढ़ी हुई कीमतों और जियो-पॉलिटिकल तनाव के कारण सोना खरीदने में हिचक रहा है।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत सहित पार्टनर देशों के लिए सोने समेत 45 वस्तुओं पर टैरिफ छूट का ऐलान किया है। यह छूट 8 सितंबर से लागू हो चुकी है। ट्रंप के इस कदम का मकसद अमेरिकी ट्रेड लॉस को कम करना है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस टैरिफ छूट से सोने के दामों में गिरावट आ सकती है।

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