Edited By Rohini Oberoi,Updated: 18 Sep, 2025 11:42 AM

भारत में जल्द ही 6G इंटरनेट का सपना पूरा होने जा रहा है। IIT हैदराबाद ने 6G टेक्नोलॉजी में एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए इसका प्रोटोटाइप तैयार कर लिया है। रिपोर्ट के अनुसार यह नई तकनीक 2030 तक देश में लॉन्च हो सकती है जिससे भारत की डिजिटल दुनिया पूरी...
नेशनल डेस्क। भारत में जल्द ही 6G इंटरनेट का सपना पूरा होने जा रहा है। IIT हैदराबाद ने 6G टेक्नोलॉजी में एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए इसका प्रोटोटाइप तैयार कर लिया है। रिपोर्ट के अनुसार यह नई तकनीक 2030 तक देश में लॉन्च हो सकती है जिससे भारत की डिजिटल दुनिया पूरी तरह बदल जाएगी।
क्या है 6G प्रोटोटाइप की खासियत?
IIT हैदराबाद के बनाए गए इस प्रोटोटाइप में कई खास बातें हैं:

एडवांस्ड एंटेना: इसमें मैसिव MIMO एंटीना का इस्तेमाल किया गया है जो बहुत ही मजबूत कनेक्टिविटी देगा।
सैटेलाइट सपोर्ट: यह LEO और GEO सैटेलाइट से भी जुड़ सकेगा जिससे समुद्र और पहाड़ों जैसे दूर-दराज के इलाकों में भी तेज इंटरनेट मिलेगा।
7 GHz बैंड: यह प्रोटोटाइप 7 GHz बैंड पर काम करेगा जो 5G से भी ज्यादा तेज और भरोसेमंद माना जाता है।
टेलीकम्युनिकेशन एक्सपर्ट प्रोफेसर किरण कुची के मुताबिक 6G सिर्फ 'तेज 5G' नहीं होगा बल्कि यह एक ऐसा नेटवर्क होगा जो हर जगह कनेक्टिविटी देगा चाहे वह शहरी इलाका हो या दूर-दराज का गांव।

क्यों है 6G भारत के लिए खास?
यह तकनीक केवल तेज इंटरनेट तक सीमित नहीं होगी बल्कि यह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) जैसे क्षेत्रों में क्रांति लाएगी। 6G आने के बाद ये चीजें संभव हो सकेंगी:
स्मार्ट डिवाइस: घर के सभी डिवाइस बिना किसी रुकावट के काम करेंगे।
ऑटोमेटेड गाड़ियां: ड्राइवर के बिना चलने वाली गाड़ियां और भी सुरक्षित हो जाएंगी।

शिक्षा और स्वास्थ्य: गांव के स्कूलों से लेकर अस्पतालों तक हर जगह सुपर-फास्ट इंटरनेट मिलेगा।
आपदा प्रबंधन: किसी भी आपदा के दौरान राहत कार्यों को और भी तेजी से किया जा सकेगा।
कब तक मिलेगी 6G सर्विस?
मोबाइल टेक्नोलॉजी हर दस साल में बदलती है। 5G पर काम 2010 में शुरू हुआ था और 2022 में भारत में लॉन्च हुआ। इसी तरह 6G पर काम 2021 में शुरू हुआ है और उम्मीद है कि 2029 तक इसके वैश्विक मानक (ग्लोबल स्टैंडर्ड) तय हो जाएंगे। अगर सब कुछ योजना के अनुसार हुआ तो 2030 तक भारत में 6G की सर्विस शुरू हो जाएगी जिससे हमारा देश दुनिया के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल सकेगा।