Edited By rajesh kumar,Updated: 09 Sep, 2024 07:43 PM
जीएसटी काउंसिल की बैठक में कैंसर की दवाओं पर भी जीएसटी की दरें कम करने का फैसला लिया है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, "कैंसर की दवाओं पर भी जीएसटी की दरें कम की जा रही हैं। कैंसर के इलाज की लागत को और कम करने के लिए इसे 12% से घटाकर...
नेशनल डेस्क: जीएसटी काउंसिल की बैठक में कैंसर की दवाओं पर भी जीएसटी की दरें कम करने का फैसला लिया है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, "कैंसर की दवाओं पर भी जीएसटी की दरें कम की जा रही हैं। कैंसर के इलाज की लागत को और कम करने के लिए इसे 12% से घटाकर 5% किया जा रहा है। इसके अलावा नमकीन के एक्सट्रूडेड एक्सपेंडेड सेवरी खाद्य पदार्थों पर भी निर्णय लिया गया है। इन पर जीएसटी की दर को पूर्वव्यापी प्रभाव से नहीं बल्कि भावी प्रभाव से घटाकर 18 से 12% किया जा रहा है।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला ने कहा कि धातु स्क्रैप पर, अपंजीकृत व्यक्तियों से अपंजीकृत व्यक्तियों को धातु स्क्रैप की आपूर्ति पर रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म लागू किया गया है, बशर्ते कि आपूर्तिकर्ता सीमा पार करने पर पंजीकरण करवा ले। इसके अलावा, एक प्राप्तकर्ता जो आरसीएम के तहत भुगतान करने के लिए उत्तरदायी है, उसे कर का भुगतान करना होगा, भले ही आपूर्तिकर्ता सीमा के अंतर्गत हो।
जीएसटी परिषद की बैठक के बाद केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, "हमने क्षतिपूर्ति उपकर के बारे में चर्चा की और यह स्पष्ट रूप से समझा गया कि मार्च 2026 तक हम क्षतिपूर्ति उपकर एकत्र कर सकते हैं, जो विस्तारित क्षतिपूर्ति उपकर है। विस्तारित क्षतिपूर्ति उपकर का संग्रह बैक-टू-बैक ऋण चुकाने और उस पर ब्याज चुकाने के लिए किया जा रहा है। संभवतः जनवरी 2026 तक ही हम बैक-टू-बैक ऋण और ब्याज का भुगतान कर देंगे और इसलिए मार्च तक लगभग दो महीने का क्षतिपूर्ति उपकर बचा रहेगा, जो मार्च 2026 तक समाप्त हो जाएगा। आज परिषद में क्षतिपूर्ति उपकर पर स्थिति बहुत स्पष्ट रूप से रखी गई, चर्चा की गई। मार्च 2025 तक वास्तविक और अनुमानित कुल उपकर संग्रह 8,66,706 करोड़ रुपए है। और 5 सितंबर 2024 तक भुगतान किया गया मुआवजा माइनस 6,64,203 है। चुकाए जाने वाले ऋण माइनस 2,69,208 है।"
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, "आईजीएसटी (एकीकृत वस्तु एवं सेवा कर) को आगे कैसे बढ़ाया जाए, इस पर स्पष्टीकरण देने और निर्णय लेने के उद्देश्य से आज सचिवों की एक समिति ने भी निर्णय लिया। विस्तृत चर्चा हुई, क्योंकि आज हमारे पास आईजीएसटी पर ऋणात्मक शेष है। इसलिए इस संबंध में परिषद ने निर्णय लिया कि आगे की रणनीति को अंतिम रूप देने के लिए राजस्व के अतिरिक्त सचिव की अध्यक्षता में एक समिति गठित की जाएगी, जिसमें राज्य और केंद्र दोनों के अधिकारी होंगे।"