Edited By Rohini Oberoi,Updated: 29 Nov, 2025 01:45 PM

भारतीय रेलवे (Indian Railways) लगातार अपने यात्रियों की सुविधाओं को बढ़ाने के लिए नए और महत्वपूर्ण कदम उठा रहा है। इसी कड़ी में दक्षिण रेलवे (Southern Railway) ने शुक्रवार को एक बड़ी घोषणा की है जिससे लाखों गैर-वातानुकूलित (Non-AC) स्लीपर कोच...
नेशनल डेस्क। भारतीय रेलवे (Indian Railways) लगातार अपने यात्रियों की सुविधाओं को बढ़ाने के लिए नए और महत्वपूर्ण कदम उठा रहा है। इसी कड़ी में दक्षिण रेलवे (Southern Railway) ने शुक्रवार को एक बड़ी घोषणा की है जिससे लाखों गैर-वातानुकूलित (Non-AC) स्लीपर कोच यात्रियों को बड़ी राहत मिलेगी। 1 जनवरी 2026 से स्लीपर कोच में यात्रा करने वाले यात्रियों को नाममात्र शुल्क पर बेडशीट (चादर) और तकिया (Pillow) का सेट उपलब्ध कराया जाएगा। यह सुविधा विशेष रूप से मानसून और सर्दियों के दौरान लंबी दूरी की यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए सफर को आरामदायक बनाएगी।
सुविधाओं के लिए क्या होगी कीमतें?
यह सुविधा किराए के अतिरिक्त उपलब्ध होगी जिसकी कीमतें इस प्रकार तय की गई हैं:
| सेवा |
शुल्क |
| पूरा सेट (1 बेडशीट + तकिया + तकिए का कवर) |
₹50 |
| केवल बेडशीट |
₹20 |
| तकिया + तकिए का कवर |
₹30 |
पहले चरण में इन 10 ट्रेनों में होगी शुरुआत
यह सेवा 1 जनवरी 2026 से शुरू होगी और पहले चरण में दक्षिण रेलवे की 10 प्रमुख एक्सप्रेस ट्रेनों में लागू की जाएगी:
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चेन्नई-मेट्टुपालयम नीलगिरि सुपरफास्ट एक्सप्रेस
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चेन्नई-मंगलुरु सुपरफास्ट एक्सप्रेस
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चेन्नई इग्मोर-मन्नारगुडी एक्सप्रेस
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चेन्नई इग्मोर-तिरुचेंदूर सुपरफास्ट एक्सप्रेस
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चेन्नई-पालक्काड एक्सप्रेस
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चेन्नई इग्मोर-शेंगोट्टाई सिलंबु सुपरफास्ट एक्सप्रेस
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तांबरम-नागरकोइल सुपरफास्ट एक्सप्रेस
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चेन्नई-तिरुवनंतपुरम सुपरफास्ट एक्सप्रेस
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चेन्नई-आलेप्पी सुपरफास्ट एक्सप्रेस
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चेन्नई इग्मोर-मंगलुरु एक्सप्रेस
सफल पायलट प्रोजेक्ट के बाद स्थायी फैसला
यह नई पहल रेलवे की “न्यू इनोवेटिव नॉन-फेयर रेवेन्यू आइडियाज स्कीम” (NINFRIS) के तहत लाई गई है जिसे 2023-24 में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू किया गया था। इस पायलट प्रोजेक्ट को यात्रियों से जबरदस्त सराहना मिली जिसके बाद इसे स्थायी रूप से लागू करने का निर्णय लिया गया है। बेडरॉल (bedroll) की खरीद, मशीनी धुलाई, पैकिंग, लोडिंग, वितरण और भंडारण का पूरा काम ठेके पर दिया जाएगा ताकि स्वच्छता (Hygiene) और गुणवत्ता (Quality) का उच्च स्तर बनाए रखा जा सके।
रेलवे और यात्रियों दोनों को फायदा
इस नई सेवा से न केवल यात्रियों का सफर आरामदायक होगा, बल्कि रेलवे को भी राजस्व में इजाफा होने की उम्मीद है। अकेले चेन्नई डिवीजन को अगले तीन साल में लगभग ₹28.27 लाख रुपये का अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होने का अनुमान है। सोशल मीडिया पर इस पहल को खूब सराहा जा रहा है जहां कई लोग इसे "छोटा कदम, बड़ा आराम" बता रहे हैं।