GST 2.0: कंपनियां सामान की कीमतें बढ़ाकर GST कटौती को कर सकती है बेअसर, इससे निपटने का क्या है उपाय?

Edited By Updated: 22 Sep, 2025 07:36 PM

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भारत सरकार ने जीएसटी 2.0 के तहत आज से नए टैक्स स्लैब लागू कर दिए हैं, जिनमें अब केवल 5% और 18% स्लैब रहेंगे। सरकार का दावा है कि इससे उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी, लेकिन विशेषज्ञों को आशंका है कि कंपनियां लाभ खुद रख सकती हैं। सरकार ने CCPA और CBIC के...

नेशनल डेस्क : भारतीय सरकार ने आज से जीएसटी 2.0 के तहत नए टैक्स रिफॉर्म्स लागू कर दिए हैं। इन सुधारों के तहत अब जीएसटी के सिर्फ दो स्लैब्स 5% और 18% लागू होंगे, जबकि 12% और 28% के स्लैब्स को पूरी तरह खत्म कर दिया गया है। इस रिफॉर्म का मुख्य उद्देश्य टैक्स सिस्टम को सरल बनाना और आम उपभोक्ताओं को घरेलू सामानों पर मासिक बचत प्रदान करना है। हालांकि, सवाल यह है कि क्या कंपनियां इस टैक्स कटौती का लाभ उपभोक्ताओं तक पहुंचाएंगी या कीमतें बढ़ाकर इस लाभ को खत्म कर देंगी?

क्या कंपनियां खत्म कर सकती हैं जीएसटी कटौती का लाभ?
विशेषज्ञों का कहना है कि कंपनियां अपने लाभ मार्जिन को बनाए रखने के लिए कीमतों में बढ़ोतरी कर सकती हैं, जिससे जीएसटी कटौती का अपेक्षित लाभ उपभोक्ताओं तक न पहुंचे। कई बार कंपनियां कीमतों के बजाय वस्तुओं की मात्रा (क्वांटिटी) में बदलाव कर देती हैं, जिससे उपभोक्ताओं को मिलने वाला लाभ कम हो जाता है। चूंकि कंपनियों को अपनी कीमतें तय करने की आजादी है, इसलिए इस तरह की प्रथाओं की संभावना बनी रहती है।

सरकार की सख्त निगरानी
इन समस्याओं को रोकने के लिए सरकार ने कड़े कदम उठाए हैं। उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 के तहत, केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) स्वतः संज्ञान ले सकता है या किसी उपभोक्ता की शिकायत पर मूल्य उल्लंघन की जांच कर सकता है। साथ ही, केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) ने 54 आवश्यक वस्तुओं की कीमतों पर छह महीने तक निगरानी करने का आदेश दिया है। पुराने स्टॉक के लिए कंपनियों को 31 दिसंबर 2025 तक मूल एमआरपी के साथ संशोधित कीमतों वाले स्टीकर लगाने की अनुमति दी गई है। जीएसटी नेटवर्क और उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के सहयोग से फील्ड वेरिफिकेशन के जरिए यह सुनिश्चित किया जाएगा कि जीएसटी कटौती का लाभ उपभोक्ताओं तक पहुंच रहा है।

जीएसटी लाभ न मिले तो करें शिकायत
यदि आपको लगता है कि कोई कंपनी जीएसटी कटौती का लाभ नहीं दे रही है, तो आप इसकी शिकायत दर्ज कर सकते हैं। शिकायत के लिए नेशनल कंज्यूमर हेल्पलाइन के टोल-फ्री नंबर 1915 या 1800-11-4000 पर 17 भाषाओं में संपर्क किया जा सकता है। इसके अलावा, नेशनल कंज्यूमर हेल्पलाइन की वेबसाइट या उमंग ऐप के माध्यम से भी शिकायत दर्ज की जा सकती है।

टैक्स से संबंधित शिकायतों के लिए जीएसटी पोर्टल का उपयोग किया जा सकता है। टैक्सपेयर अपने GSTIN, मोबाइल नंबर और समस्या का विवरण देकर शिकायत दर्ज कर समाधान प्राप्त कर सकते हैं।

उपभोक्ताओं के लिए राहत की उम्मीद
नए जीएसटी रिफॉर्म्स के तहत सरकार का दावा है कि यह कदम उपभोक्ताओं को राहत देगा और टैक्स सिस्टम को और पारदर्शी बनाएगा। हालांकि, इसका वास्तविक लाभ तभी मिलेगा, जब कंपनियां इस कटौती को उपभोक्ताओं तक पूरी तरह पहुंचाएं। सरकार की सख्त निगरानी और उपभोक्ता जागरूकता इस दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।

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