Edited By Rohini Oberoi,Updated: 13 Aug, 2025 10:46 AM

गुजरात के बनासकांठा जिले में एक दिल दहला देने वाली ‘ऑनर किलिंग’ की घटना सामने आई है जिसने पूरे समाज को झकझोर कर रख दिया है। 18 साल की चंद्रिका चौधरी जिसका सपना डॉक्टर बनकर लोगों की सेवा करना था उसकी बेरहमी से हत्या कर दी गई। आरोप है कि उसके पिता और...
नेशनल डेस्क। गुजरात के बनासकांठा जिले में एक दिल दहला देने वाली ‘ऑनर किलिंग’ की घटना सामने आई है जिसने पूरे समाज को झकझोर कर रख दिया है। 18 साल की चंद्रिका चौधरी जिसका सपना डॉक्टर बनकर लोगों की सेवा करना था उसकी बेरहमी से हत्या कर दी गई। आरोप है कि उसके पिता और चाचा ने लव मैरिज के डर से इस जघन्य अपराध को अंजाम दिया।
NEET में 478 अंक, फिर भी परिवार ने छीना भविष्य
चंद्रिका ने दिन-रात मेहनत कर NEET परीक्षा में 478 अंक हासिल किए थे जिससे उसका सरकारी मेडिकल कॉलेज में दाखिला पक्का हो गया था लेकिन उसकी पढ़ाई और उज्ज्वल भविष्य उसके परिवार की संकीर्ण सोच के सामने टिक नहीं पाया। परिवार को डर था कि अगर वह बाहर पढ़ने जाएगी तो किसी लड़के से प्यार करके अपनी मर्जी से शादी कर लेगी जिसे वे अपनी "बेइज्जती" मानते थे।
पुलिस के अनुसार जब चाचा शिवराम चौधरी ने कुछ कॉलेजों में लड़के-लड़कियों को साथ पढ़ते देखा तो उन्होंने चंद्रिका के पिता को उसे आगे न पढ़ाने के लिए उकसाया। इसके बाद परिवार ने उसका मोबाइल छीन लिया और उसे घर के काम में लगा दिया।
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दुपट्टे से गला घोंटकर की हत्या
एफआईआर के मुताबिक 24 जून को चंद्रिका के पिता के कहने पर चाचा शिवराम ने उसे दूध में नशीला पदार्थ मिलाकर पिलाया। जब वह बेहोश हो गई तो उसे एक स्टोर रूम में ले जाकर दुपट्टे से गला घोंटकर मार डाला। हत्या के बाद उन्होंने इसे आत्महत्या दिखाने की कोशिश की।
यह भी पता चला है कि चंद्रिका के पार्टनर हरेश चौधरी ने उसकी गुमशुदगी को लेकर गुजरात हाईकोर्ट में हैबियस कॉर्पस याचिका दायर की थी लेकिन कोर्ट में सुनवाई से कुछ दिन पहले ही उसकी हत्या कर दी गई। बनासकांठा पुलिस ने मुख्य आरोपी चाचा शिवराम को गिरफ्तार कर लिया है जबकि पिता अभी भी फरार है। पुलिस उनकी तलाश में जुटी हुई है।