हरियाणा मुर्राह नस्ल की भैंस के लिए विश्व प्रसिद्ध

Edited By Updated: 15 Jul, 2023 08:24 PM

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हरियाणा मुर्राह नस्ल की भैंस के लिए विश्व प्रसिद्ध

 
चंडीगढ़, 15 जुलाई –(अर्चना सेठी)  हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने आज महापर्व शिवरात्रि के पावन अवसर पर प्रदेश के लोगों, विशेषकर पशुपालकों को विशेष बधाई दी और भगवान शिव से प्रार्थना की है कि उनके दुधारू पशुओं को तंदुरुस्त रखे ।


 

 मुख्यमंत्री आज शिवरात्रि के अवसर पर आज यहां अपने निवास स्थान संत कबीर कुटीर से ‘सीएम की विशेष चर्चा’ कार्यक्रम के तहत ऑडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राज्य के मिनी और हाई-टेक डेयरी मालिकों के साथ बातचीत कर रहे थे।

 

उन्होंने कहा कि दूध उत्पादन को बढ़ाने के लिए सांझा डेयरी की अवधारणा पर कार्य किया जा रहा है। जहां पर भी पंचायती भूमि या सरकारी भूमि होगी वहां पर सहकारिता के माध्यम से डेयरियां खोली जाएंगी। उन्होंने कहा कि हरियाणा को दुध उत्पादन का देश में तीसरा स्थान है। सरकार का प्रयास है कि इसे  एक नम्बर पर लाया जाए यह पशुपालकों के सहयोग के बिना संभव नहीं हो सकता । उन्होंने कहा कि पशुपालन के व्यवसाय में महिलाओं का भी विशेष योगदान होता है। दूध उत्पादन से ग्रामीण अर्थव्यवस्था भी सुदृढ़ होती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि  दुध उत्पादन में हांसी के पेड़े, रेवाड़ी की बर्फी, प्रसिद्ध है तो गोहाना का जलेब का भी नाम है।

 

उन्होंने कहा कि देशा में देश हरियाणा जहां दूध दही का खाना वाली कहावत को हरियाणा के युवाओं ने सही मायने में चरितार्थ किया है । यहां के पहलवान व नौजवान सेना में भर्ती होते है यह दुध दही के खाने का ही प्रभाव है ।
प्राकृतिक खेती में गाय का विशेष योगदान है। जैविक खाद के साथ-साथ हम गौ-मूत्र व इसके अन्य उत्पादों से  पशुपालन अपनी आय बढ़ा सकते है। इससे गौ-संवर्धन को भी बढ़ावा मिलेगा।


 

ग्रामीण क्षेत्रों में छोटे किसानों और युवाओं को अपना उद्यम शुरू करने में सक्षम बनाने के लिए राज्य सरकार द्वारा हाई-टेक और मिनी डेयरी योजनाएं चलाई जा रही हैं। युवाओं को स्वरोजगार के अवसर प्रदान करने के साथ-साथ दुग्ध उत्पादन बढ़ाने की योजना के तहत 10 दुधारू पशुओं तक की मिनी डेयरी खोलने के लिए 25 प्रतिशत सब्सिडी दी जाती है।

अनुसूचित जाति के लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने की योजना के तहत दो या तीन दुधारू पशुओं की डेयरी खोलने पर 50 प्रतिशत सब्सिडी दी जाती है। इसके अलावा 20 या अधिक दुधारू पशुओं की हाईटेक डेयरी स्थापित करने पर ब्याज में छूट दी जाती है। वर्तमान सरकार के कार्यकाल में अब तक 13,244 डेयरियां स्थापित की जा चुकी हैं।


उन्होंने डेयरी मालिकों से सीधा संवाद कायम करते हुए कहा कि आप न केवल हाईटेक एवं मिनी डेयरी इकाइयों के लाभार्थी हैं, बल्कि एक प्रगतिशील पशुपालक भी हैं, जो ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत कर युवाओं को गांव में ही रोजगार के अवसर उपलब्ध कराते हैं। उन्होंने कहा कि खेती के साथ-साथ दुधारू पशु पालने की हमारी प्राचीन परंपरा है। पहले दुधारू पशुओं को केवल दूध की घरेलू आवश्यकता को पूरा करने के लिए ही पाला जाता था। लेकिन अब समय बदल गया है और समय के साथ जरूरतें भी बदल गई हैं। इसलिए पशुपालन को व्यावसायिक दृष्टिकोण से देखने की आवश्यकता है। चूँकि, आज भूमि जोत लगातार कम हो रही है, किसानों को अतिरिक्त आय के वैकल्पिक साधन खोजने की जरूरत है और डेयरी एक प्रभावी माध्यम है जिसके माध्यम से किसान अतिरिक्त आय प्राप्त कर सकते हैं।


संवाद के दौरान हाईटेक और मिनी डेयरी मालिकों ने किसानों के हित में विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों को लागू करने के लिए मुख्यमंत्री का आभार भी व्यक्त किया।  उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार किसानों की सच्ची हितैषी है और राज्य में पशुपालकों के कल्याण के लिए शुरू की गई योजनाएं उनकी आय बढ़ाने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने में सहायक होंगी।


 हाल ही में राज्य के विभिन्न हिस्सों में हुई भारी बारिश का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि अंबाला, यमुनानगर, कुरूक्षेत्र, करनाल, पानीपत और कैथल जिलों में अत्यधिक बारिश के कारण फसलों को नुकसान हुआ है। इन जिलों के उपायुक्तों को निर्देश दिए गए है कि जिन जिलों में जलभराव की समस्या नहीं है, वहां से हरा या सूखा चारा मंगवाकर पशुपालकों को उपलब्ध करवा। मुख्यमंत्री ने राज्य के पशुपालकों को पशुपालन व्यवसाय के लिए हर संभव सहायता देने का आश्वासन दिया ताकि राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था के विकास में भी पशुपालन का महत्वपूर्ण योगदान और बढ़ सके।


मुख्यमंत्री ने उच्च गुणवत्ता वाले नस्ल के मवेशियों की उपलब्धता, डेयरी इकाइयों की स्थापना के लिए पूंजी, दूध की खरीद और प्रसंस्करण की उचित व्यवस्था, आधुनिक पशु चिकित्सा सुविधाएं और अनुसंधान, बीमा सुविधा और आपसी सहयोग को डेयरी उद्योग के मुख्य स्तंभ बताते हुए कहा कि यह गर्व की बात है कि हरियाणा में डेयरी इकाइयों की सफलता के लिए ये सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं। राज्य अपनी मुर्राह नस्ल की भैंस के लिए विश्व प्रसिद्ध है। इसके अलावा हरियाणा में राठी, साहीवाल और गीर गाय भी पाली जाती हैं।


पशुधन किसान क्रेडिट कार्ड योजना पर प्रकाश डालते हुए मनोहर लाल ने कहा कि यह योजना पशुपालन के लिए पूंजी की आवश्यकता को पूरा करने के लिए शुरू की गई है। इस योजना के तहत गाय, भैंस, भेड़, बकरी और सूअर पालने वाले पशुपालकों को पशुधन किसान क्रेडिट कार्ड दिए जाते हैं और इस कार्ड से किसी भी पशुपालक को बिना किसी गारंटी के 1.60 लाख रुपये का ऋण मिलता है। हालांकि, इससे ऊपर के ऋण के लिए, गारंटी देनी होगी। उन्होंने कहा, बैंकों द्वारा अब तक 1.54 लाख पशुधन किसान क्रेडिट कार्ड स्वीकृत किए गए हैं। उन्होंने किसानों से आह्वान किया कि वे इस सुविधा का लाभ उठाएं और ऋण की किश्तें समय पर चुकाएं, ताकि उन्हें आगे ऋण लेने में कोई परेशानी न हो।

 



 मुख्यमंत्री ने कहा कि देश में श्वेत क्रांति लाने में सहकारिता आंदोलन की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।  उन्होंने अमूल का उदाहरण देते हुए कहा कि आज अमूल दुग्ध के उत्पाद देश के हर हिस्से में उपलब्ध हैं।  हरियाणा में वर्तमान में दूध की खरीद के लिए राज्य में 3300 सहकारी दुग्ध समितियां हैं। इसके अलावा राज्य में दूध प्रसंस्करण के लिए 6 दुग्ध संयंत्र हैं, जिनकी दैनिक दूध प्रसंस्करण क्षमता 9.45 लाख लीटर है।

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