Edited By Shubham Anand,Updated: 10 Dec, 2025 01:43 PM

यूनेस्को ने दीपावली को मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत सूची में शामिल कर भारत को वैश्विक मंच पर नई पहचान दी है। यह घोषणा दिल्ली के लाल किले में हुए 20वें सत्र के दौरान हुई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने इसे...
नेशनल डेस्क : भारत के सबसे बड़े सांस्कृतिक उत्सव दीपावली को यूनेस्को ने आधिकारिक रूप से मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की प्रतिष्ठित सूची में स्थान दे दिया है। यह ऐतिहासिक घोषणा आज दिल्ली के लाल किले में आयोजित यूनेस्को की अंतर-सरकारी समिति के 20वें सत्र के दौरान की गई। इस महत्वपूर्ण निर्णय ने पूरे देश में उत्सव जैसा माहौल पैदा कर दिया है।
यूनेस्को ने अपनी सोशल मीडिया पोस्ट के माध्यम से भारत को बधाई देते हुए इस उपलब्धि की पुष्टि की। भारत के अलावा कई अन्य देशों की सांस्कृतिक पहचान से जुड़े प्रतीक भी इस सूची में जोड़े गए हैं। इससे पहले भारत की 15 परंपराएं इस वैश्विक धरोहर सूची में शामिल थीं और अब दीपावली के जुड़ने के बाद यह संख्या 16 हो गई है।
‘भारत और विश्व के लिए गर्व का क्षण’ : प्रधानमंत्री मोदी
इस घोषणा पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि भारत ही नहीं, बल्कि विश्वभर में इस खबर से लोग उत्साहित और गौरवान्वित हैं। उन्होंने लिखा कि दीपावली मात्र त्योहार नहीं, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और जीवन-मूल्यों का आधार है। यह पर्व प्रकाश, धर्म और सभ्यता की आत्मा का प्रतीक है।
People in India and around the world are thrilled.
For us, Deepavali is very closely linked to our culture and ethos. It is the soul of our civilisation. It personifies illumination and righteousness. The addition of Deepavali to the UNESCO Intangible Heritage List will… https://t.co/JxKEDsv8fT
— Narendra Modi (@narendramodi) December 10, 2025
प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि यूनेस्को की इस सूची में दीपावली का शामिल होना इसे वैश्विक स्तर पर और लोकप्रिय बनाएगा। उन्होंने आशा व्यक्त की कि प्रभु श्रीराम के आदर्श मानवता को सदैव मार्गदर्शन देते रहेंगे।
अब यूनेस्को की सूची में भारत की 16 सांस्कृतिक परंपराएं
10 दिसंबर को लिए गए इस फैसले के बाद भारत की कुल 16 परंपराएं अमूर्त सांस्कृतिक विरासत के रूप में मान्यता प्राप्त कर चुकी हैं। इससे पहले जिन सांस्कृतिक धरोहरों को स्थान दिया गया था, उनमें कुंभ मेला, योग, वैदिक मंत्रोच्चार, रामलीला, कोलकाता की दुर्गा पूजा, गरबा, केरल का मुदियेट्टू, छऊ नृत्य, हिमालयी बौद्ध मंत्र-जाप परंपरा, नवरोज और संक्रांति-पोंगल-बैसाखी जैसे पर्व शामिल हैं।
‘विश्व पटल पर भारतीय संस्कृति का स्वर्णिम अध्याय’ : दिल्ली CM रेखा गुप्ता
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने इस अवसर को भारत की सनातन परंपराओं की दिव्यता और सार्वभौमिकता की ऐतिहासिक मान्यता बताया। उन्होंने कहा कि प्रकाश के महापर्व दीपावली को यूनेस्को की प्रतिष्ठित सूची में शामिल किया जाना हर भारतीय के लिए गौरव की बात है। यह सम्मान दीपावली के प्रकाश, सद्भाव और मर्यादा जैसे अमर मूल्यों की वैश्विक स्वीकृति का प्रतीक है।
विश्व-पटल पर भारतीय संस्कृति का स्वर्णिम अध्याय!
हमारी हजारों वर्ष पुरानी सनातन परंपराओं की दिव्यता और सार्वभौमिकता को सर्वोच्च वैश्विक मंच पर मान्यता मिली है। प्रकाश के महापर्व दीपावली को UNESCO की प्रतिष्ठित अमूर्त सांस्कृतिक विरासत सूची में शामिल किया जाना प्रत्येक भारतीय के… pic.twitter.com/7W0RjRp77j
— Rekha Gupta (@gupta_rekha) December 10, 2025
उन्होंने कहा कि दीपावली केवल एक उत्सव नहीं, बल्कि वह आध्यात्मिक ऊर्जा है जिसने सदियों से मानवता को सत्य, आशा और नैतिकता के मार्ग पर अग्रसर किया है। रेखा गुप्ता ने यह भी कहा कि दिल्ली सरकार इस निर्णय का हर्षपूर्वक स्वागत करती है। प्रधानमंत्री मोदी की ‘विकास भी, विरासत भी’ की भावना को यह उपलब्धि और मजबूत बनाती है।