अपनों से बिछड़ने के गम क्या हौता है वह 65 वर्षीय हसीना बेगम से पूछो। 18 साल तक पाकिस्तान की जेल में सजा काटने के बाद वह अपने वतन लौट आई है। हसीना बेगम को क्या मालूम था कि एक पासपोर्ट के गुम हो जाने के कारण उन्हे इतनी लंबी सजा मिलेगी। सालों बाद घट लौटने पर उनका जोरदार स्वागत हुआ, जिसे देख हसीना खूशी से झूम उठी...
नेशनल डेस्क: अपनों से बिछड़ने के गम क्या हौता है वह 65 वर्षीय हसीना बेगम से पूछो। 18 साल तक पाकिस्तान की जेल में सजा काटने के बाद वह अपने वतन लौट आई है। हसीना बेगम को क्या मालूम था कि एक पासपोर्ट के गुम हो जाने के कारण उन्हे इतनी लंबी सजा मिलेगी। सालों बाद घट लौटने पर उनका जोरदार स्वागत हुआ, जिसे देख हसीना खूशी से झूम उठी।

जानकारी के अनुसार साल 2002 में हसीना बेगम अपने किसी रिश्तेदार से मिलने लाहौर गईं थी। इसी दौरान उनका पासपोर्ट गुम हो गया, जिसके चलते उन्हे पाकिस्तान की पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। पाकिस्तान की जेल में बंद हो जाने के बाद हसीनाने अदालत से आग्रह किया था कि वो निर्दोष हैं। इस मामले में पाकिस्तान की अदालत ने भी जानकारी मांगी। औरंगाबाद पुलिस ने पाकिस्तान को सूचना भेजी कि बेगम के नाम पर औरंगाबाद में सिटी चौक पुलिस स्टेशन के तहत एक घर पंजीकृत है। इसके बाद बेगम को रिहा कर दिया गया और उसे भारतीय अधिकारियों को सौंप दिया।

हसीना बेगम ने देश वापसी में मदद करने के लिए औरंगाबाद पुलिस को शुक्रिया अदा किया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की जेल में उन्होंने काफी मुश्किल भरे दिन गुजारे हैं, लेकिन अब अपने वतन लौट आने के बाद शांति का एहसास हो रहा है। मुझे ऐसा लग रहा है कि मैं स्वर्ग में हूं। उन्होंने बताया कि पाकिस्तानियों ने मुझे जबरदस्ती कैद कर दिया था। भारत वापस आने के बाद वह भावुक हो गईं।
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