Heart Attack: इस ब्लड ग्रुप के लोगों को हार्ट अटैक का सबसे कम खतरा, रिपोर्ट में हुआ बड़ा खुलासा!

Edited By Updated: 28 Oct, 2025 08:17 PM

heart attack people with this blood group have lowest risk report reveals

एक हालिया शोध में खुलासा हुआ है कि ‘O’ ब्लड ग्रुप वाले लोगों में दिल की बीमारियों और स्ट्रोक का खतरा अन्य ब्लड ग्रुप वालों की तुलना में कम होता है। अध्ययन के अनुसार, A, B और AB ब्लड ग्रुप वालों में कोरोनरी हार्ट डिजीज (CHD) का जोखिम 6% से 23% तक...

नेशनल डेस्कः आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में लोग अपनी सेहत पर पर्याप्त ध्यान नहीं दे पा रहे हैं, जिसके कारण कई तरह की बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं। इनमें दिल की बीमारियां (Heart Diseases) सबसे आम होती जा रही हैं। लेकिन हाल ही में आई एक स्टडी में यह बात सामने आई है कि कुछ खास ब्लड ग्रुप वाले लोगों में दिल की बीमारी और हार्ट अटैक का खतरा बाकी लोगों की तुलना में काफी कम होता है।

ब्लड ग्रुप और हार्ट डिजीज के बीच संबंध
वैज्ञानिकों का कहना है कि ब्लड ग्रुप और हृदय रोग (Cardiovascular Disease) के बीच गहरा संबंध है। Arteriosclerosis, Thrombosis and Vascular Biology नामक जर्नल में प्रकाशित एक शोध के अनुसार, जिन लोगों का ब्लड ग्रुप O होता है, उनमें कोरोनरी हार्ट डिजीज (CHD) का खतरा ब्लड ग्रुप A, B या AB वालों की तुलना में काफी कम पाया गया है।

नॉन-O ब्लड ग्रुप वालों में ज्यादा खतरा
अध्ययन के मुताबिक, नॉन-O ब्लड ग्रुप (A, B, AB) वालों में हार्ट अटैक और हार्ट फेल्योर का जोखिम अधिक देखा गया है। शोधकर्ताओं ने पाया कि इन ब्लड ग्रुप वालों में CHD का खतरा 6% से 23% तक ज्यादा होता है, जबकि औसतन यह खतरा करीब 11 प्रतिशत अधिक पाया गया।

O ग्रुप वालों को क्यों होता है कम खतरा?
विशेषज्ञों के अनुसार, ब्लड ग्रुप O वाले लोगों में खून जमाने वाले तत्व, जैसे von Willebrand factor और factor VIII का स्तर अपेक्षाकृत कम होता है। इसके अलावा, इनमें कोलेस्ट्रॉल और इंफ्लेमेशन (सूजन) का स्तर भी नियंत्रित रहता है, जिससे दिल की बीमारियों का जोखिम घट जाता है।

स्ट्रोक के खतरे पर भी असर
स्टडी में यह भी पाया गया कि ब्लड ग्रुप स्ट्रोक (Stroke) के खतरे को भी प्रभावित करता है। खासतौर पर 60 वर्ष से पहले होने वाले स्ट्रोक के मामलों में ब्लड ग्रुप A वालों में खतरा अधिक पाया गया, जबकि O ग्रुप वालों में यह जोखिम काफी कम रहा।

क्या कहती है रिसर्च?
शोधकर्ताओं का मानना है कि अलग-अलग ब्लड ग्रुप वाले लोगों में दिल की बीमारियों का खतरा खून के थक्के (Clotting) और सूजन (Inflammation) के स्तर पर निर्भर करता है। नॉन-O ब्लड ग्रुप वालों में क्लॉटिंग फैक्टर VIII और von Willebrand factor अधिक होते हैं, जिससे रक्त के थक्के बनने की संभावना बढ़ जाती है। लंबे समय में यही फैक्टर दिल की बीमारियों का कारण बन सकते हैं।
हालांकि ब्लड ग्रुप को बदला नहीं जा सकता, लेकिन इस जानकारी के आधार पर लोग अपनी सेहत का बेहतर ख्याल रख सकते हैं। खासकर A, B और AB ब्लड ग्रुप वालों को अपने हार्ट हेल्थ पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। उन्हें नियमित स्वास्थ्य जांच करानी चाहिए, संतुलित आहार लेना चाहिए, नियमित व्यायाम करना चाहिए और ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखना चाहिए।

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