Edited By Rohini Oberoi,Updated: 26 Aug, 2025 05:27 PM

हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में लगातार हो रही भारी बारिश ने कहर बरपाया है। व्यास नदी के उफान से हालात बेहद गंभीर हो गए हैं। कुल्लू-मनाली में एक बार फिर कुदरत का रौद्र रूप देखने को मिला है जहां कई किलोमीटर लंबा हाईवे, इमारतें और एक फुट ब्रिज पानी में बह...
नेशनल डेस्क। हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में लगातार हो रही भारी बारिश ने कहर बरपाया है। व्यास नदी के उफान से हालात बेहद गंभीर हो गए हैं। कुल्लू-मनाली में एक बार फिर कुदरत का रौद्र रूप देखने को मिला है जहां कई किलोमीटर लंबा हाईवे, इमारतें और एक फुट ब्रिज पानी में बह गए हैं।
व्यास नदी की तबाही: हाईवे और घर बहे
व्यास नदी में आए तेज उफान ने कुल्लू-मनाली NH-3 को बुरी तरह प्रभावित किया है। लगभग 3 किलोमीटर का हाईवे पूरी तरह बह गया है और नदी का रुख अब सड़क की तरफ मुड़ गया है। इससे पास के एक निजी होटल को भी खतरा पैदा हो गया है। मनाली के बाहंग क्षेत्र में एक दो मंजिला इमारत भी नदी में समा गई।
इससे पहले भी सुबह यहां दो रेस्टोरेंट और दो दुकानें गिर चुकी थीं। दवाड़ा के पास व्यास नदी पर बना एक फुट ब्रिज भी नदी की तेज लहरों में बह गया। यह पुल लारजी पावर हाउस तक जाने का एकमात्र जरिया था।
पंडोह डैम से छोड़ा गया पानी, जारी हुआ अलर्ट
व्यास नदी के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए भाखड़ा व्यास मैनेजमेंट बोर्ड (BBMB) ने पंडोह डैम के सभी पांच गेट खोल दिए हैं। डैम से करीब 90 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। नदी में सिल्ट की मात्रा ज्यादा होने के कारण पंडोह डैम से विद्युत उत्पादन भी रोकना पड़ा है।
डीसी मंडी अपूर्व देवगन ने लोगों से अपील की है कि वे नदी और नालों से दूर रहें। उन्होंने बताया कि सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए 27 अगस्त की सुबह तक डैम की फ्लशिंग जारी रहेगी। लगातार हो रही बारिश, भूस्खलन और नदी के तेज बहाव ने कुल्लू-मनाली में जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित कर दिया है। प्रशासन हालात पर लगातार नजर बनाए हुए है लेकिन बढ़ता जलस्तर खतरा और बढ़ा रहा है।