Edited By Mehak,Updated: 12 Dec, 2025 04:35 PM

हिंदू शास्त्रों में पति-पत्नी के रिश्ते को पवित्र माना गया है। पति केवल जीवनसाथी नहीं, बल्कि पत्नी का रक्षक, मित्र और मार्गदर्शक भी होता है। शास्त्रों के अनुसार पति के स्वभाव के आधार पर उन्हें सात प्रकारों में बांटा गया है: सखा, स्वामी, दास, वल्लभ,...
नेशनल डेस्क : शास्त्रों में पति और पत्नी के रिश्ते को बेहद पवित्र माना गया है। एक पति सिर्फ जीवनसाथी ही नहीं, बल्कि पत्नी का रक्षक, मित्र और मार्गदर्शक भी होता है। माना जाता है कि पति का स्वभाव उसकी पत्नी, परिवार और जीवन के हर पहलू पर गहरा असर डालता है। इसी आधार पर प्राचीन ग्रंथों में पति को सात अलग-अलग प्रकारों में बांटा गया है। यह विभाजन उनके स्वभाव और व्यवहार के आधार पर किया गया है।
नीचे जानिए शास्त्रों में बताए गए पति के सात प्रकार और उनकी विशेषताएं -
1. सखा पति
इस प्रकार के पति अपनी पत्नी को जीवनसाथी से पहले एक अच्छा दोस्त मानते हैं। दोनों के बीच दोस्ती जैसा रिश्ता होता है, जिससे शादीशुदा जीवन खुशहाल और मजबूत बना रहता है। ऐसे दंपत्ति एक-दूसरे की भावनाएं समझते हैं और साथ मिलकर निर्णय लेते हैं।
2. स्वामी पति
स्वामी प्रकृति वाले पति खुद को घर का मुखिया मानते हैं। उनका स्वभाव थोड़ा कठोर हो सकता है, और वे पत्नी पर अधिकार जताने की प्रवृत्ति रखते हैं। ऐसे पति परिवार की ज़िम्मेदारी तो निभाते हैं, लेकिन कई बार अपनी इच्छा को ही सर्वोपरि समझते हैं।
3. दास पति
इन पतियों का स्वभाव बिल्कुल विपरीत होता है। ये पत्नी को मालकिन जैसा दर्जा देते हैं और उसकी हर बात मानने को तैयार रहते हैं। पत्नी की खुशी ही इनके लिए प्राथमिकता बन जाती है। हालांकि, इस तरह का अति-समर्पण रिश्ते में असंतुलन भी पैदा कर सकता है।
4. वल्लभ पति
वल्लभ श्रेणी के पति भावुक, संवेदनशील और अपने रिश्ते को दिल से निभाने वाले होते हैं। ये पत्नी की भावनाओं का सम्मान करते हैं और उसकी छोटी-बड़ी खुशियों का ध्यान रखते हैं। हर परिस्थिति में पत्नी का साथ निभाना इन्हें अलग बनाता है।
5. गुरु पति
गुरु स्वभाव वाले पति अपनी पत्नी को जीवनसाथी की जगह सीख देने योग्य व्यक्ति मान लेते हैं। ये भावनाओं से ज्यादा अपने सिद्धांतों और मूल्यों को महत्व देते हैं। इनके व्यवहार में मार्गदर्शन अधिक और बराबरी की जगह कम महसूस होती है।
6. वैरागी पति
इन पतियों में दयालुता तो होती है, लेकिन वे भावनात्मक रूप से दूरी बनाए रखते हैं। ये जीवन में शांत और संतुष्ट रहते हैं, लेकिन पत्नी के साथ घुलते-मिलते नहीं। न ही वे रिश्ते को बेहतर बनाने के लिए कोई खास प्रयास करते हैं। कई बार ये शारीरिक निकटता से भी दूर रहना पसंद करते हैं।
7. प्रजापति पति
प्रजापति स्वभाव वाले पति अपनी पत्नी की सुरक्षा और देखभाल तो करते हैं, लेकिन उसकी भावनाओं या अधिकारों को बराबरी का स्थान नहीं दे पाते। ऐसा पति पत्नी को सुरक्षित तो रखता है लेकिन अपने विचारों को उस पर थोपने की प्रवृत्ति रखता है।
शास्त्रों में बताया गया है कि हर पति का स्वभाव अलग होता है और यही उसकी पत्नी और परिवार के भावनात्मक वातावरण को प्रभावित करता है। भारतीय परंपरा के अनुसार आदर्श पति वह माना जाता है, जो प्रेम, सम्मान और समझ के साथ अपना रिश्ता निभाए और पत्नी को जीवन के हर मोड़ पर बराबरी का स्थान दे।