Edited By Mehak,Updated: 11 Oct, 2025 05:12 PM

मेन्स्ट्रुअल साइकल, जिसे आम भाषा में पीरियड्स कहा जाता हैं, महिलाओं के शरीर की एक प्राकृतिक प्रक्रिया है। हर महीने इस दौरान गर्भाशय की अंदरूनी परत और खून बाहर निकलता है। पीरियड्स के समय महिलाओं को कमर, पेट, पेल्विक एरिया और पैरों में क्रैम्प्स और...
नेशनल डेस्क :मेन्स्ट्रुअल साइकल, जिसे आम भाषा में पीरियड्स कहा जाता है, महिलाओं के शरीर का एक प्राकृतिक प्रक्रिया है। इस दौरान हर महीने महिला के शरीर से खून और गर्भाशय की अंदरूनी परत निकलती है। पीरियड्स के समय महिलाओं को कमर, पेट, पेल्विक एरिया और पैरों में ऐंठन (Cramps) और तेज दर्द महसूस होता है, जिससे रोजमर्रा के काम करना कई बार मुश्किल हो जाता है। लेकिन यह सवाल कई लोगों के मन में आता है कि महिला एथलीट्स क्रिकेट, टेनिस और बैडमिंटन जैसे खेलों में पीरियड्स के दौरान कैसे प्रदर्शन करती हैं। हाल ही में एक शो में भारतीय महिला क्रिकेट टीम की स्टार ऑलराउंडर स्नेह राणा ने इस विषय पर खुलकर चर्चा की।
पीरियड पेन को कैसे मैनेज करती हैं महिला खिलाड़ी?
स्नेह राणा ने बताया कि महिला खिलाड़ियों को मैच के दौरान पीरियड्स की वजह से क्रैम्प्स, मूड स्विंग्स और परफॉर्मेंस का प्रेशर सहना पड़ता है। उन्होंने कहा कि बहुत लोगों को इसके बारे में जागरूक नहीं है। स्नेह कहती हैं, 'मुझे भी क्रैम्प्स होते हैं और मैच के दौरान हमें दवाइयों का इस्तेमाल करना पड़ता है। लेकिन जब आप अपने देश का प्रतिनिधित्व कर रहे हों या डोमेस्टिक मैच खेल रहे हों, तो आपको रुकना नहीं पड़ता। यह दर्द आता है, लेकिन स्पोर्ट्स पर्सन के तौर पर मानसिक मजबूती आपको आगे बढ़ने में मदद करती है।'
स्नेह ने आगे बताया कि “पीरियड्स के दौरान हम हॉट पैड्स का इस्तेमाल करते हैं, जो ऑफ फील्ड हमें राहत देते हैं। लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि हम खेलना छोड़ दें। मेरे साथ तो उल्टा है – जब मुझे पीरियड्स होते हैं, तब मैं अक्सर और अच्छा परफॉर्म करती हूं।”