निर्भया कांड : बिना किसी सबूत के पुलिस ने ऐसे पकड़ा निर्भया के दोषियों को...

Edited By Chandan,Updated: 20 Mar, 2020 12:23 PM

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लंबे संघर्ष के बाद आखिरकार आज निर्भया को इंसाफ मिल ही गया। आज यानि शुक्रवार सुबह ठीक 5:30 बजे निर्भया के चारों दोषियों को फांसी दे दी गई। निर्भया के चारों दोषियों विनय, अक्षय, मुकेश और पवन गुप्ता को एक साथ फांसी के फंदे पर लटकाया गया।

नई दिल्ली। सात साल के लंबे संघर्ष के बाद आखिरकार आज निर्भया को इंसाफ मिल ही गया। आज यानि शुक्रवार सुबह ठीक 5:30 बजे निर्भया के चारों दोषियों को फांसी दे दी गई। निर्भया के चारों दोषियों विनय, अक्षय, मुकेश और पवन गुप्ता को एक साथ फांसी के फंदे पर लटकाया गया और शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। 

20 मार्च को निर्भया दिवस
दोषियों को फांसी मिलने के बाद निर्भया की मां आशा देवी ने 20 मार्च को निर्भया दिवस के रूप में मनाने की बात कही। आशा देवी का कहना है कि वह अब देश की दूसरी बेटियों के लिए लड़ाई लड़ेंगी। 16 दिसंबर 2012 को देश की राजधानी दिल्ली में हुई इस घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। लोगों ने सड़कों पर उतर कर निर्भया के लिए इंसाफ मांगा और निर्भया की मां के साथ हर पल खड़े रहे, उसी का नतीजा है कि आज निर्भया के दोषियों को फांसी की सजा दी गई।

72 घंटे में पकड़े गए थे निर्भया के दोषी 
निर्भया के साथ छह दरिंदों ने मिलकर जिस हैवानियत साथ सामूहिक बलात्कार किया उसके बारे में सुनकर हर कोई कांप गया। इन अपराधियों ने सामूहिक बलात्कार के बाद निर्भया को चलती बस से वसंतकुंज इलाके के आसपास सड़क पर फेंक दिया था। इसके बाद इन दोषियों ने बस को धोया और लगभग हर सबूत मिटाने की कोशिश की लेकिन पुलिस ने उन्हें 72 घंटे में पकड़ लिया था। 

बिना सबूत के ऐसे चढ़े थे दोषी हथे 
इस बारे में जांच कर रहे अधिकारीयों की माने तो निर्भया के दोषियों को पकड़ना आसान नहीं था क्योंकि निर्भया और उसका दोस्त उन्हें पहचानते नहीं थे इसलिए पुलिस को एकदम शुरुआत से ही जांच शुरू करनी पड़ी। पुलिस को बयानों के आधार पर सुराग मिला कि जिस बस में वारदात हुई, उसकी सीटे लाल रंग की थीं और पीले कवर चढ़े थे। इसके बाद पुलिस ने दिल्ली-एनसीआर में इस बस को खोजना शुरू कर दिया। मुश्किल ये थी कि ये बस बिना नंबर की थी और इसके लिए पुलिस को 300 से ज्यादा बसों को शार्ट लिस्ट किया गया। लेकिन इतने पर ही काम नहीं बना और पुलिस ने वसंतकुंज इलाके के सभी सीसीटीवी खंगाले गए। सिर्फ एक बस पर यादव नाम लिखा दिखा। 

इसी के आधार पर बस की तलाश शुरू की गई और फिर एक बस दिल्ली के बाहरी इलाके में पुलिस को खड़ी मिली। इसके बाद पुलिस ने आसपास के इलाकों में रहने वाले लोगों से पूछताछ की और फिर अगले 18 घंटे में ही पुलिस ने मुख्य आरोपी राम सिंह (बस ड्राइवर) को अरेस्ट कर लिया। इसके बाद उसके भाई मुकेश को पकड़ा गया और फिर जल्द ही बाकी 4 आरोपी भी गिरफ्त कर लिए गए।

16 दिसंबर 2012 की रात से 20 मार्च 2020 की सुबह तक 
16 दिसंबर, 2012 की रात निर्भया अपने दोस्त के साथ मूवी देखकर लौट रही थी। दोनों ने कोई साधन न मिलने पर एक ली, जिसमें मौजूद कुछ लोगों ने उसे धोखे से बैठा लिया था। इसके बाद चलती बस में ही 6 बदमाशों ने निर्भया से बर्बरता के सामूहिक बलात्कार किया किया था। बाद में उसे और उसके दोस्त को रास्ते में फेंक दिया था। 

29 दिसंबर, 2012 को इलाज के दौरान सिंगापुर में निर्भया की मौत हो गई थी। 6 दोषी गिरफ्तार हुए जिनमें से एक दोषी राम सिंह ने तिहाड़ में फांसी लगा ली थी और एक नाबालिक होने के कारण छोड़ दिया गया और 20 मार्च 2020 की सुबह बाकी के चार दोषियों को फांसी की सजा दी गई है।
 

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