कानपुर से शुरू हुआ 'I Love Muhammad' अभियान, जानें कैसे बन गया देशव्यापी विवाद

Edited By Updated: 25 Sep, 2025 07:06 PM

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उत्तर प्रदेश में ‘I Love Muhammad’ अभियान के बाद ‘I Love Mahadev’ अभियान शुरू हुआ और उत्तराखंड, तेलंगाना, महाराष्ट्र तक फैल गया। सोशल मीडिया पर दोनों अभियानों पर बहस चल रही है। कानपुर में विवाद के बाद 24 लोगों पर प्राथमिकी दर्ज हुई। मुस्लिम संगठनों...

नेशनल डेस्क : उत्तर प्रदेश में शुरू हुआ ‘I Love Muhammad’ अभियान अब उत्तराखंड, तेलंगाना और महाराष्ट्र तक फैल चुका है। सोशल मीडिया और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर दोनों अभियानों पर तीखी बहस देखी जा रही है। हिंदू संगठन अपने आराध्य देवता—राम, हनुमान, महादेव, गणेश आदि के प्रति प्रेम व्यक्त कर रहे हैं, वहीं मुस्लिम संगठन ‘I Love Muhammad’ के नारों को फैलाने में लगे हैं।

विवाद की शुरुआत
यह विवाद 4 सितंबर को उत्तर प्रदेश के कानपुर के रावतपुर गांव में बारावफात के जुलूस के दौरान शुरू हुआ। जुलूस के रास्ते में “I Love Muhammad” का लाइट बोर्ड लगाया गया, जिसे पैगंबर मुहम्मद के जन्मदिन के अवसर पर ईद मिलाद-उन-नबी के रूप में लगाया गया। स्थानीय हिंदू समूहों ने इस पर आपत्ति जताई और इसे “नई परंपरा” करार दिया।

विवाद बढ़ने के बाद हिंदू संगठनों का आरोप था कि मुस्लिम युवकों ने उनके धार्मिक पोस्टर फाड़ दिए, जबकि मुस्लिम समुदाय ने पैगंबर मुहम्मद के प्रति भक्ति के अभिव्यक्ति पर हमला बताया। पुलिस ने हस्तक्षेप कर बोर्ड हटा दिया और व्यवस्था बहाल की।

पुलिस कार्रवाई
9 सितंबर को पुलिस ने 24 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की, जिनमें 9 नामजद और 15 अज्ञात शामिल थे। आरोप था कि बैनर जानबूझकर उकसाने वाला था और हिंदू पोस्टरों को नुकसान पहुंचाया गया। पुलिस ने स्पष्ट किया कि मामला केवल नारों तक सीमित नहीं था। इस कार्रवाई को कई मुस्लिम समुदाय के लोग धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन मानते हुए विरोध प्रदर्शन तेज कर दिया।

जुलूस और विरोध प्रदर्शन
उत्तर प्रदेश के बरेली में इमाम मुफ्ती खुर्शीद आलम ने 19 सितंबर को जुमे की नमाज के बाद लोगों से घरों में “I Love Muhammad” पोस्टर लगाने का आग्रह किया। मुंबई के मुंब्रा में बारिश के बावजूद रैलियां निकाली गईं, तेलंगाना के हैदराबाद में प्रदर्शनकारी नामपल्ली पब्लिक गार्डन में इकट्ठा हुए। नागपुर और उत्तराखंड के काशीपुर में विरोध प्रदर्शन और झड़पें भी हुईं।

सोशल मीडिया पर जवाबी अभियान
हिंदू समुदाय ने ऑनलाइन “I Love Mahadev, I Love Ram” अभियान शुरू किया। #ILoveMahadev और #ILoveRam हैशटैग वायरल हो गए, हजारों उपयोगकर्ताओं ने भगवान शिव, राम, हनुमान और गणेश की तस्वीरें और संदेश पोस्ट किए। कई लोगों ने हिंदू एकता दिखाने और अपनी आस्था पर गर्व करने का आह्वान किया।

राजनीतिक और धार्मिक प्रतिक्रिया
एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने इसे संविधान के अनुच्छेद 25 के तहत संरक्षित बताया और “I Love Muhammad कहना कोई अपराध नहीं” कहा। काशी के सुमेरु पीठाधीश्वर नरेंद्रानंद सरस्वती ने ‘I Love Mahadev’ अभियान की शुरुआत करते हुए कहा कि कुछ समूह समाज को डराने और अस्थिर करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इसके खिलाफ कड़ी प्रतिक्रिया दी जाएगी।

उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री अनिल राजभर ने स्पष्ट किया कि कानून और व्यवस्था को चुनौती देने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा, “क्रिया की प्रतिक्रिया होगी, जो भी समाज को अस्थिर करने का प्रयास करेगा, उस पर सख्त कार्रवाई होगी।”

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