Edited By Parveen Kumar,Updated: 02 Dec, 2025 05:57 PM

देश के करोड़ों किसानों की नजर हर साल की तरह इस बार भी आम बजट पर टिकी हुई है। खेती-किसानी की बढ़ती लागत, महंगाई और बाजार के अनिश्चित माहौल के बीच किसान सरकार से किसी बड़े राहत पैकेज की उम्मीद लगाए बैठे हैं। इसी बीच चर्चा तेज है कि केंद्र सरकार...
नेशनल डेस्क: देश के करोड़ों किसानों की नजर हर साल की तरह इस बार भी आम बजट पर टिकी हुई है। खेती-किसानी की बढ़ती लागत, महंगाई और बाजार के अनिश्चित माहौल के बीच किसान सरकार से किसी बड़े राहत पैकेज की उम्मीद लगाए बैठे हैं। इसी बीच चर्चा तेज है कि केंद्र सरकार ‘प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना’ (PM Kisan Yojana) की वार्षिक सहायता राशि बढ़ाने पर गंभीरता से विचार कर रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अगर सभी समीकरण ठीक रहे, तो किसानों को मिलने वाली सालाना 6,000 रुपये की मदद बढ़कर 9,000 रुपये या उससे भी अधिक हो सकती है। यह खबर ही किसानों के चेहरों पर नई उम्मीद की चमक ले आई है।
किसानों के लिए खुल सकता है राहत का खजाना
हालांकि आम जनता को बजट का भाषण 1 फरवरी को सुनाई देता है, पर इसके पीछे महीनों की लंबी तैयारी चलती है। वित्तीय वर्ष 2026-27 के लिए बजट बनाने की प्रक्रिया अब तेज हो गई है। वित्त मंत्रालय की अगुवाई में यह बहुस्तरीय प्रक्रिया अगस्त-सितंबर से ही शुरू हो जाती है, जिसमें नीति आयोग, विभिन्न मंत्रालय, राज्यों के प्रतिनिधि और कृषि क्षेत्र के विशेषज्ञ अपनी-अपनी राय देते हैं।
संविधान के अनुच्छेद 112 के तहत तैयार होने वाला यह वार्षिक वित्तीय विवरण तय करता है कि सरकार आने वाले वर्ष में किस सेक्टर पर कितना खर्च करेगी। इस बार विस्तारित टाइमलाइन और व्यापक सलाह-मशविरे के चलते यह उम्मीद और मजबूत हो गई है कि कृषि क्षेत्र के लिए कुछ बड़े कदम उठाए जा सकते हैं।
क्या है सरकार की रणनीति?
पीएम किसान सम्मान निधि योजना लागू होने के बाद से किसानों को सालाना 6,000 रुपये तीन किस्तों में दिए जाते हैं। बीते वर्षों में खाद, बीज, डीज़ल और अन्य कृषि सामग्रियों की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी हुई है, लेकिन योजना की राशि पहले जैसी ही बनी रही।
पिछले बजट में भी राशि बढ़ाने की चर्चाएं जोरों पर थीं, पर अंतिम समय पर कोई फैसला नहीं हुआ। अब एक बार फिर संकेत मिल रहे हैं कि सरकार इस बार राशि बढ़ाने को लेकर अधिक गंभीर है। चर्चा है कि सहायता राशि 6,000 रुपये से बढ़ाकर 9,000 रुपये की जा सकती है। अगर सरकार इसे मंजूरी देती है, तो किसानों को हर किस्त में 2,000 रुपये की जगह 3,000 रुपये मिलेंगे- जो महंगाई की मार झेल रहे छोटे और सीमांत किसानों के लिए बड़ी राहत साबित हो सकता है।
कब होगा अंतिम फैसला?
अभी सब कुछ विचाराधीन है और अंतिम घोषणा बजट भाषण के दौरान ही सामने आएगी। लेकिन जिस तरह से चर्चाएं तेज हैं और कृषि क्षेत्र पर बढ़ते दबाव को देखते हुए, यह अंदेशा गहरा रहा है कि इस बार किसानों के लिए बड़ा ऐलान हो सकता है। अब नजरें टिकी हैं 1 फरवरी पर, जब यह साफ होगा कि क्या सच में सरकार किसानों के लिए खजाना खोलने जा रही है, या उम्मीदों को कुछ और समय इंतजार करना होगा।