Edited By Radhika,Updated: 18 May, 2024 12:57 PM

भारत और यूएई ने IMEEC के सशक्तिकरण और संचालन के लिए सहयोग से जुड़े अंतर सरकारी फ्रेमवर्क के तहत 15 से 17 मई तक बैठकें कीं। नई दिल्ली से पहला अंतर-मंत्रालयी प्रतिनिधि मंडल अबू धाबी पहुंचा था।
नेशनल डेस्क: भारत और यूएई ने IMEEC के सशक्तिकरण और संचालन के लिए सहयोग से जुड़े अंतर सरकारी फ्रेमवर्क के तहत 15 से 17 मई तक बैठकें कीं। नई दिल्ली से पहला अंतर-मंत्रालयी प्रतिनिधि मंडल अबू धाबी पहुंचा था।
अबू धाबी में भारतीय दूतावास की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक, IMEEC दक्षता पैदा करने और लागत कम करने के लिए प्रभावी वैकल्पिक मार्ग प्रदान करेगा। UAE में भारतीय राजदूत संजय सुधीर ने डीपी वर्ल्ड यूएई, एडी पोर्ट्स ग्रुप और यूएई के फेडरल कस्टम अथॉरिटी जैसी प्रमुख संस्थाओं के साथ चर्चा की। Indian delegation में जहाजरानी, बंदरगाह और जलमार्ग मंत्रालय, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय, केंद्रीय उत्पाद शुल्क और सीमा शुल्क बोर्ड और दीनदयाल उपाध्याय बंदरगाह, कांडला के वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे। प्रतिनिधिमंडल ने खलीफा बंदरगाह, फुजैरा बंदरगाह और जेबेल अली बंदरगाह का दौरा करते हुए दोनों देशों के बीच माल की आवाजाही सुविधाजनक बनाने के लिए संबंधित बंदरगाह अधिकारियों के साथ चर्चा की।
प्रेस रिलीज़ के अनुसार, 13 फरवरी को भारत और संयुक्त अरब अमीरात ने अबू धाबी में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान की उपस्थिति में रूपरेखा समझौते पर हस्ताक्षर किए। यह समझौता IMEEC के विकास और इस उद्देश्य के लिए संभावित संयुक्त निवेश और तकनीकी सहयोग की खोज में सहयोग प्रदान करता है।