शहबाज शरीफ ने कश्मीर को लेकर PM इमरान को सुनाई खरी-खोटी

Edited By Updated: 25 Jul, 2021 10:48 AM

imran deviating from pak s historical constitutional position on kashmir

पाकिस्तान के विपक्षी नेता शहबाज शरीफ ने शनिवार को प्रधानमंत्री इमरान खान की उस टिप्पणी को खारिज किया जिसमें उन्होंने कहा था कि ...

 इस्लामाबाद: पाकिस्तान के विपक्षी नेता शहबाज शरीफ ने शनिवार को प्रधानमंत्री इमरान खान  की उस टिप्पणी को खारिज किया जिसमें उन्होंने कहा था कि इस्लामाबाद यह निर्णय कश्मीर के लोगों पर छोड़ेगा कि वे पाकिस्तान के साथ रहना चाहते हैं या एक ‘‘स्वतंत्र देश'' चाहते हैं। शरीफ ने  इमरान को  खरी-खोटी सुनाते हुएकहा कि खान संयुक्त राष्ट्र के जनमत संग्रह संबंधी आदेश की जगह दूसरे जनमत संग्रह का प्रस्ताव कर कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान की ‘‘ऐतिहासिक और संवैधानिक स्थिति'' से हट रहे हैं।

 

खान ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में तरार खाल और कोटली नगरों में रविवार को होने जा रहे चुनाव से पहले शुक्रवार को दो चुनाव रैलियों में कहा था कि संयुक्त राष्ट्र के जनमत संग्रह संबंधी आदेश से इतर उनकी सरकार इस बारे में ‘‘कश्मीर के लोगों को विकल्प देने के लिए एक और जनमत संग्रह कराएगी कि वे पाकिस्तान के साथ रहना चाहते हैं या एक स्वतंत्र देश चाहते हैं।'' खान ने रैलियों के दौरान विपक्ष के इन आरोपों को खारिज किया कि वह पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) को एक प्रांत में तब्दील करना चाहते हैं और कहा कि उन्हें नहीं पता कि यह विचार कहां से आया। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने यह टिप्पणी पीएमएल-एन नेता मरयम नवाज की उस टिप्पणी के बाद की जिसमें उन्होंने दावा किया था कि इमरान खान की सरकार ने पीओके का दर्जा बदलकर उसे प्रांत में तब्दील करने का फैसला किया है।

 

भारत हमेशा कहता रहा है कि जम्मू कश्मीर उसका अभिन्न अंग था, है और हमेशा रहेगा। नयी दिल्ली इस्लामाबाद को यह कहती रही है कि जम्मू कश्मीर का मामला उसका आतंरिक मामला है और वह अपने मुद्दों का समाधान करने में खुद सक्षम है। पीएमएल-एन अध्यक्ष शरीफ ने एक बयान जारी कर खान की टिप्पणियों की निन्दा की तथा कहा कि प्रधानमंत्री एक और जनमत संग्रह का प्रस्ताव कर कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान की ‘‘ऐतिहासिक और संवैधानिक स्थिति'' से हट रहे हैं।

 

उन्होंने कहा कि कश्मीरियों की सहमति और उनसे विमर्श के बिना उनपर समाधान थोपना भारत की मदद करने जैसा है। वहीं, जमीयत उलमा ए इस्लाम फज्ल के मौलाना फजलुर रहमान ने भी पीओके में एक चुनाव रैली में खान की टिप्पणियों की निन्दा की और कहा कि इससे साबित हो गया है कि मौजूदा सरकार ‘‘कश्मीर पर एकतरफा रियायत'' की पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ की नीति पर चल रही है। पीओके में चुनाव प्रचार की अंतमि तारीख 25 जुलाई है।

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