भारत में शेरों की संख्या बढ़कर 891 हुई, केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने पीएम मोदी की प्रशंसा की

Edited By Updated: 11 Aug, 2025 05:29 PM

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भारत में एशियाई शेरों की संख्या अब 891 पहुंच गई है। यह आंकड़ा 2020 की तुलना में 32 प्रतिशत और पिछले दस वर्षों में 70 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि को दर्शाता है। यह जानकारी केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने गुजरात के बरदा...

नेशनल डेस्क: भारत में एशियाई शेरों की संख्या अब 891 पहुंच गई है। यह आंकड़ा 2020 की तुलना में 32 प्रतिशत और पिछले दस वर्षों में 70 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि को दर्शाता है। यह जानकारी केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने गुजरात के बरदा वन्यजीव अभयारण्य में विश्व शेर दिवस के मौके पर दी। इस बढ़ोतरी को उन्होंने संरक्षण का एक बड़ा सफल उदाहरण बताया। केंद्रीय मंत्री यादव ने इस सफलता का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिया। उन्होंने बताया कि मोदी जी ने प्रोजेक्ट लायन को गुजरात के मुख्यमंत्री और बाद में प्रधानमंत्री के रूप में लगातार समर्थन दिया है। यादव ने कहा कि यह देश के लिए गर्व की बात है कि एशियाई शेर आज सिर्फ गुजरात के गिर क्षेत्र में ही पाए जाते हैं।

गिर के शेरों की आबादी हुई दोगुनी

मंत्री यादव ने बताया कि पिछले एक दशक में गिर के शेरों की संख्या दोगुनी हो गई है। यह वृद्धि न केवल भारत बल्कि विश्व के वन्यजीव संरक्षण के लिए भी उम्मीद की किरण है। उन्होंने सभी से आग्रह किया कि वे इस भव्य जानवर की सुरक्षा के लिए सक्रिय योगदान दें क्योंकि यह शेर भारत की पारिस्थितिक शक्ति और गुजरात की सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है।

बरदा वन्यजीव अभयारण्य में शेरों की वापसी

गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने बताया कि 143 वर्षों बाद बरदा क्षेत्र में शेर वापस आ गए हैं। अब यहां शेरों की संख्या 17 हो गई है, जिसमें छह वयस्क और 11 शावक शामिल हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने इस क्षेत्र में संरक्षण के लिए 180 करोड़ रुपये के निवेश किए हैं। इसमें पशु चिकित्सा सुविधाओं, पर्यावरण-पर्यटन अवसंरचना और आवास प्रबंधन पर विशेष ध्यान दिया गया है।
बरदा वन्यजीव अभयारण्य 192 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है और यह शेरों के लिए एक नया घर बन रहा है। यह क्षेत्र द्वारका, पोरबंदर और सोमनाथ के पर्यटन सर्किट के पास स्थित है। राज्य सरकार ने यहां 248 हेक्टेयर की भूमि सफारी पार्क के लिए भी आवंटित की है। केंद्र सरकार ने भी इस सफारी पार्क और चिड़ियाघर को बढ़ावा देने की स्वीकृति दे दी है ताकि संरक्षण और पर्यावरण पर्यटन को मजबूत किया जा सके।

प्रोजेक्ट लायन: शेरों के संरक्षण का बड़ा कदम

प्रधानमंत्री मोदी ने 2020 के स्वतंत्रता दिवस के भाषण में प्रोजेक्ट लायन की घोषणा की थी। यह 10 वर्षों का कार्यक्रम है, जिसमें लगभग 2,927 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है। इसका उद्देश्य शेरों के आवास का विस्तार करना, उनकी स्वास्थ्य सेवा में सुधार लाना और स्थानीय समुदायों को संरक्षण में शामिल करना है। यह योजना शेरों के दीर्घकालिक अस्तित्व को सुनिश्चित करने में मददगार साबित हो रही है।

विश्व शेर दिवस: शेरों के संरक्षण के लिए जागरूकता

हर साल 10 अगस्त को विश्व शेर दिवस मनाया जाता है। इसका मकसद शेरों के संरक्षण के महत्व को लोगों तक पहुंचाना और उनके प्रति जागरूकता बढ़ाना है। गुजरात आज भी एशियाई शेरों का एकमात्र प्राकृतिक आवास है। शेरों का यह प्राकृतिक क्षेत्र अब सौराष्ट्र के 11 जिलों में फैल चुका है, जो लगभग 35,000 वर्ग किलोमीटर का क्षेत्र घेरता है।

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