भारत की बड़ी कार्रवाईः खालिस्तान से जुड़े 10500 से ज्यादा URL किए ब्लॉक

Edited By Updated: 02 Dec, 2024 12:09 PM

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पिछले तीन वर्षों में केंद्र सरकार ने  सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 69ए  के तहत खालिस्तान समर्थक और कट्टरपंथी सामग्री को रोकने के लिए एक बड़ा कदम उठाते हुए ...

International Desk: पिछले तीन वर्षों में केंद्र सरकार ने  सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 69ए  के तहत खालिस्तान समर्थक और कट्टरपंथी सामग्री को रोकने के लिए एक बड़ा कदम उठाते हुए 10,500 से अधिक URL  को ब्लॉक किया है। ये URL सोशल मीडिया पर खालिस्तान जनमत संग्रह और अन्य विवादित गतिविधियों से जुड़े थे। यह कार्रवाई इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY  द्वारा गृह मंत्रालय (MHA) के साथ मिलकर की गई। इन URL को भारत की संप्रभुता, एकता और सुरक्षा  के लिए खतरा माना गया था।  
 

 क्या-क्या ब्लॉक किया ? 
  खालिस्तान जनमत संग्रह से जुड़ी सामग्री 
 10,500 URL  में खालिस्तान समर्थक सामग्री शामिल थी।  
  कई मोबाइल ऐप्स, जिनका उपयोग खालिस्तान जनमत संग्रह को बढ़ावा देने के लिए किया जा रहा था, को भी ब्लॉक कर दिया गया। 
  पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) 
  2,100 URL  को पीएफआई से जुड़ी सामग्री फैलाने के लिए ब्लॉक किया गया।  

 

  अन्य कट्टरपंथी सामग्री 
 LTTE (लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम) से जुड़े पोस्ट और अकाउंट।  
 जम्मू-कश्मीर के आतंकी समूहों की सामग्री।  
 वॉरिस पंजाब दे (WPD) से जुड़े खाते।  

 
 कौन-कौन से प्लेटफॉर्म प्रभावित हुए?  ब्लॉक किए गए URL और अकाउंट्स (2021-2024) 


1. फेसबुक 
   - कुल 10,976 URL 
   - इनमें से अधिकांश URL धोखाधड़ी, फर्जी निवेश योजनाओं और आपत्तिजनक सामग्री से जुड़े थे।  

2. ट्विटर (X) 
   - कुल 10,139 URL  
   - ये URL मुख्य रूप से कट्टरपंथी विचारधारा और खालिस्तान जनमत संग्रह के प्रचार में शामिल थे।  
 
3.यूट्यूब 
   - कुल  2,211 अकाउंट  ब्लॉक।  
   - सामग्री में भ्रामक वीडियो, कट्टरपंथी प्रचार और संदिग्ध लिंक शामिल थे।  

4. इंस्टाग्राम 
   - कुल 2,198 अकाउंट  ब्लॉक।  
   - कट्टरपंथी और उग्रवादी विचारधारा के प्रचार से जुड़े।  

5. व्हाट्सएप 
   -  138 अकाउंट्स। 
   - व्हाट्सएप ग्रुप्स का उपयोग लोगों को उकसाने और कट्टरपंथी सामग्री फैलाने में हो रहा था।  

6. टेलीग्राम 
    225 अकाउंट्स   
   - यह मंच उग्रवादी विचारधारा और संदिग्ध गतिविधियों के लिए इस्तेमाल किया जा रहा था।  
 
 
 ब्लॉकिंग के आधार 
 धारा 69ए (IT अधिनियम) 
 यह प्रावधान सरकार को उन URL, वेबसाइट्स या ऐप्स को ब्लॉक करने की अनुमति देता है, जो राष्ट्रीय सुरक्षा, संप्रभुता और एकता को खतरा पहुंचाते हैं।  
 और सार्वजनिक व्यवस्था को बिगाड़ने की संभावना रखते हैं।  

 

 ब्लॉकिंग प्रक्रिया  

  • -गृह मंत्रालय (MHA) को खुफिया एजेंसियों से जानकारी मिलती है।  
  • - MHA इन URL को ब्लॉक करने की सिफारिश करता है।  
  • - MeitY संबंधित इंटरनेट सेवा प्रदाताओं (ISP), सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और ऐप स्टोर को ब्लॉकिंग का आदेश जारी करता है।  

  
सरकार की मंशा और चुनौतियां 
 सरकार ने स्पष्ट किया है कि यह कदम भारत की संप्रभुता और सुरक्षा  की रक्षा के लिए उठाए गए हैं। हालांकि, सोशल मीडिया और इंटरनेट पर कट्टरपंथी सामग्री को पूरी तरह से रोकना एक बड़ी चुनौती बनी हुई है।यह कार्रवाई सरकार की ओर से इंटरनेट और सोशल मीडिया पर कट्टरपंथ को रोकने के लिए उठाए गए महत्वपूर्ण कदमों में से एक है।

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