कैंसर के मामलें में तीसरे नंबर पर पहुंचा भारत, जानें इतनी तेजी से क्यों बढ़ रहे आंकड़े

Edited By Updated: 06 Dec, 2025 04:41 PM

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भारत में कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं और यह विश्व में तीसरे स्थान पर है। संसद में पेश आंकड़ों के अनुसार, 2020 में 13.92 लाख मरीज थे, जो 2024 में बढ़कर 15.33 लाख हो गए। दमन, दादरा एवं नगर हवेली और सिक्किम जैसे छोटे क्षेत्रों में सबसे तेज़...

नेशनल डेस्क : भारत में कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं और यह स्वास्थ्य चुनौती देश के लिए गंभीर चिंता का विषय बन गई है। लोकसभा में सरकार ने पेश किए गए आंकड़े चिंताजनक संकेत दे रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय कैंसर अनुसंधान एजेंसी ग्लोबल कैंसर ऑब्ज़र्वेटरी (IARC) के अनुसार, भारत में कैंसर के अनुमानित मामले 14,13,316 हैं, यानी 98.5 प्रति 1,00,000 की दर। यह संख्या चीन (48,24,703 मामले, 201.6 प्रति 1,00,000) और संयुक्त राज्य अमेरिका (23,80,189 मामले, 367 प्रति 1,00,000) के बाद दुनिया में तीसरे स्थान पर आती है।

पांच वर्षों में दस प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी
सरकार द्वारा संसद में पेश किए गए आंकड़ों के अनुसार, भारत में कैंसर के मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं। वर्ष 2020 में अनुमानित मामलों की संख्या 13.92 लाख थी, जो 2024 में बढ़कर 15.33 लाख हो गई। यानी केवल पांच वर्षों में ही कैंसर के मामलों में दस प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी दर्ज की गई। राज्यवार आंकड़ों में यह भी सामने आया है कि छोटे केंद्र शासित प्रदेशों में प्रतिशत वृद्धि सबसे तेज़ रही है, जबकि उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल और बिहार जैसे बड़े राज्यों में कुल मरीजों की संख्या अधिक है।

सबसे तेज़ वृद्धि वाले क्षेत्र
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, दमन में कैंसर मामलों में 39.51% की बढ़त दर्ज की गई। इसके अलावा दादरा एवं नगर हवेली (30.09%), सिक्किम (26.06%), लक्षद्वीप (18.52%) और मणिपुर (18.48%) में भी मामलों में तेज़ी देखी गई। दिल्ली, हरियाणा, झारखंड, मध्य प्रदेश और कर्नाटक में भी 10 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई। रिपोर्ट के अनुसार, तंबाकू का सेवन, प्रदूषण और जीवनशैली से जुड़े कारक इस बढ़ोतरी में अहम भूमिका निभा रहे हैं।

बड़ी आबादी वाले राज्यों में भारी बोझ
जनसंख्या के आधार पर सबसे ज़्यादा मरीज उत्तर प्रदेश (2.21 लाख), महाराष्ट्र (1.27 लाख), पश्चिम बंगाल (1.18 लाख) और बिहार (1.15 लाख) में पाए गए। इन राज्यों में प्रतिशत वृद्धि कम दिख सकती है, लेकिन कुल मरीजों की संख्या बहुत अधिक है।

साल-दर-साल बढ़ोतरी
2020 से 2024 तक भारत में कैंसर मामलों की सालाना वृद्धि इस प्रकार रही:

2020: 13,92,179

2021: 14,26,447

2022: 14,61,427

2023: 14,96,972

2024: 15,33,055

इस आंकड़े से स्पष्ट है कि हर साल लाखों नए मरीज कैंसर से प्रभावित हो रहे हैं।

कैंसर मामलों में वृद्धि के प्रमुख कारण
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के अनुसार, मामलों में बढ़ोतरी के पीछे कई कारण हैं। इसमें जीवनशैली में बदलाव, तंबाकू और शराब का बढ़ता सेवन, बुजुर्ग आबादी में वृद्धि और स्वास्थ्य जागरूकता बढ़ने से अधिक रिपोर्टिंग शामिल हैं। इसके अलावा शहरी क्षेत्रों में बढ़ता प्रदूषण भी कैंसर के बढ़ते मामलों में बड़ी चुनौती बन गया है।

आगे की चुनौतियां और रोकथाम की जरूरत
भारत में कैंसर तेजी से बढ़ती स्वास्थ्य चुनौती बन चुका है। इसे रोकने, स्क्रीनिंग और इलाज के लिए व्यापक रणनीति की आवश्यकता है। स्वास्थ्य ढांचे का विस्तार, जीवनशैली सुधार, तंबाकू नियंत्रण और प्रदूषण पर नियंत्रण जैसी पहल तत्काल जरूरी हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले वर्षों में कैंसर के मामले और बढ़ सकते हैं, इसलिए इन गंभीर स्वास्थ्य जोखिमों से निपटने के लिए ठोस और सक्रिय कदम उठाना आवश्यक है।

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