पान मसाला, सिगरेट पर नया टैक्स लगाएगी मोदी सरकार, लोकसभा में बिल हुआ पास

Edited By Updated: 05 Dec, 2025 06:31 PM

modi govt to impose new tax on pan masala or cigarettes bill passed in lok sabha

लोकसभा ने नेशनल सिक्योरिटी सेस बिल पास कर दिया, जिसके तहत सिगरेट, पान मसाला और अन्य हानिकारक वस्तुओं पर अतिरिक्त टैक्स लगाया जाएगा। सरकार का कहना है कि इस सेस से जुटा धन राष्ट्रीय सुरक्षा और पब्लिक हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने में खर्च होगा।...

नेशनल डेस्क : संसद के शीतकालीन सत्र में लोकसभा ने हेल्थ सिक्योरिटी से नेशनल सिक्योरिटी सेस बिल को मंजूरी दे दी। नए कानून के तहत अब केन्द्र सरकार सिगरेट, पान मसाला और अन्य हानिकारक उत्पादों पर ज्यादा टैक्स लगाएगी। सरकार का कहना है कि इस टैक्स से मिलने वाला पैसा राष्ट्रीय सुरक्षा और स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत करने पर खर्च किया जाएगा।

दो दिन चली चर्चा के बाद बिल पास हुआ। चर्चा के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि कारगिल युद्ध के समय सेना को बजट की कमी का सामना करना पड़ा था, जिसके कारण उनके पास केवल 70–80% हथियार और गोला-बारूद उपलब्ध था। उन्होंने कहा कि देश उस स्थिति में दोबारा नहीं जाना चाहता, इसलिए सुरक्षा से जुड़े खर्च को मजबूत करना जरूरी है।

स्वास्थ्य और सुरक्षा दोनों पर होगा असर

सीतारमण ने स्पष्ट किया कि यह सेस उन उत्पादों पर लगाया जाएगा जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं। उन्होंने कहा:

  • पान मसाला, सिगरेट, गुटखा जैसे उत्पाद महंगे होंगे।
  • यह टैक्स किसी भी आवश्यक वस्तु (चावल, दाल, आटा, नमक, दूध, सब्जियां, फल, दवाइयां, साबुन, तेल, टूथपेस्ट जैसी रोजमर्रा की हर बेसिक चीज) पर नहीं लगाया जाएगा।
  • सेस से जुटा धन सेना की आधुनिकीकरण जरूरतों, प्रिसिजन वेपन्स, स्पेस एसेट्स और साइबर सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में खर्च किया जाएगा।

वित्त मंत्री ने कहा कि हाई-टेक युद्ध के इस दौर में उन्नत उपकरण बेहद महंगे हैं, इसलिए अतिरिक्त फंडिंग की जरूरत है। उनका कहना था कि यह बिल पब्लिक हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को भी मजबूत करेगा और लोगों को स्वास्थ्य जोखिमों से बचाने में मदद करेगा।

विपक्ष ने उठाए सवाल

कई विपक्षी सांसदों ने बिल का विरोध किया। सांसद हनुमान बेनीवाल ने पूछा कि जब सरकार पान मसाला पर भारी टैक्स लगाने जा रही है, तो गुटखा व पान मसाला के विज्ञापन करने वाले सेलेब्रिटीज़ पर क्या कार्रवाई होगी? कांग्रेस सांसद शशिकांत सेंथिल ने भी सवाल उठाए और कहा कि इस बिल के कुछ प्रावधान स्पष्ट नहीं हैं।

सरकार का पक्ष

सीतारमण ने जवाब देते हुए कहा कि:

  • सेस पूरी तरह संसद के दायरे में रहेगा — टैक्स रेट से लेकर फंड के उपयोग तक।
  • डीमेरिट गुड्स (हानिकारक उत्पाद) को सस्ता रखना समाज हित में नहीं है।
  • जुटाई गई राशि पूरी तरह राष्ट्रीय सुरक्षा और जनता की सुरक्षा से जुड़े खर्चों पर ही लगाई जाएगी।

वित्त मंत्री ने अंत में कहा कि 'एक वित्त मंत्री के रूप में देशहित में धन जुटाना मेरा दायित्व है, और यह सेस उसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।'


 

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