भारतीय रेलवे: एकमात्र ट्रेन जहां बिना पैसे दिए मिलता है मुफ्त खाना, जानिए इसका रूट और खास बातें

Edited By Updated: 07 Oct, 2025 02:49 PM

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भारतीय रेलवे में सफर के दौरान आमतौर पर यात्री अपना भोजन साथ लाते हैं या फिर ट्रेन में भुगतान करके खाना मंगवाते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि अगर ट्रेन यात्रा के दौरान सभी यात्रियों को मुफ्त भोजन मिले, वो भी बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के? यह...

नेशनल डेस्कः भारतीय रेलवे में सफर के दौरान आमतौर पर यात्री अपना भोजन साथ लाते हैं या फिर ट्रेन में भुगतान करके खाना मंगवाते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि अगर ट्रेन यात्रा के दौरान सभी यात्रियों को मुफ्त भोजन मिले, वो भी बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के? यह सुनने में भले ही असामान्य लगे, लेकिन भारत में एक ऐसी ट्रेन मौजूद है जो अपने सभी यात्रियों को बिल्कुल मुफ्त में खाना देती है और वह भी किसी एक श्रेणी के नहीं, बल्कि सभी यात्रियों को।

महाराष्ट्र के नांदेड़ से पंजाब के अमृतसर के बीच

यह विशेष ट्रेन है सचखंड एक्सप्रेस (12715), जो महाराष्ट्र के नांदेड़ से पंजाब के अमृतसर के बीच चलती है। यह ट्रेन सिख धर्म की प्रसिद्ध लंगर परंपरा पर आधारित है, जिसमें सभी को बिना भेदभाव के मुफ्त भोजन परोसा जाता है। इस परंपरा को ट्रेन यात्रा में उतारने का श्रेय जाता है गुरुद्वारों के सेवकों को, जो यह खाना तैयार करते हैं और ट्रेन रुकने के दौरान यात्रियों को परोसते हैं।

गर्म और पौष्टिक भोजन

इस ट्रेन में यात्रियों को स्थानीय व्यंजन समेत गर्म और पौष्टिक भोजन परोसा जाता है। यह खाना रेलवे की रसोई से नहीं, बल्कि गुरुद्वारों की रसोई में तैयार किया जाता है, जो इसे और भी खास बनाता है। ट्रेन के कुछ निश्चित स्टॉप्स पर, गुरुद्वारे से जुड़े स्वयंसेवक (सेवक) यात्रियों को भोजन परोसते हैं। यह न केवल एक सामाजिक सेवा है, बल्कि यात्रियों के लिए आध्यात्मिक अनुभव भी बन जाता है।

29 वर्षों से जारी है यह परंपरा

सचखंड एक्सप्रेस की यह सेवा कोई नई पहल नहीं है। यह लगभग 29 वर्षों से निरंतर जारी है और लाखों यात्रियों को इससे लाभ मिल चुका है। यह ट्रेन अमृतसर और नांदेड़ जैसे दो प्रमुख सिख तीर्थ स्थलों को जोड़ती है। अमृतसर जहां स्वर्ण मंदिर (हरमंदिर साहिब) स्थित है और नांदेड़, जो दसवें सिख गुरु, श्री गुरु गोबिंद सिंह जी का अंतिम विश्राम स्थल है। 12715 सचखंड एक्सप्रेस सिर्फ एक ट्रेन नहीं, बल्कि यह आध्यात्मिक यात्रा का माध्यम है। यह न केवल यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाती है, बल्कि सेवा, समर्पण और समानता जैसे मूल्यों का अनुभव भी कराती है।

करोड़ों लोग रोजाना रेलवे से सफर करते

भारत में करोड़ों लोग रोजाना रेलवे के माध्यम से सफर करते हैं। भारतीय रेलवे विभिन्न बजट और जरूरतों के अनुसार 1AC, 2A, 3A, SL, 2S, CC और सामान्य श्रेणी जैसे विकल्प प्रदान करती है। हालांकि ज्यादातर ट्रेनों में खाने की कीमतें अलग-अलग होती हैं, लेकिन सचखंड एक्सप्रेस इस मामले में एक उदाहरण बनकर सामने आई है जहाँ खाना सिर्फ पेट भरने का माध्यम नहीं, बल्कि सेवा और भाईचारे का प्रतीक भी है।

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