Edited By Shubham Anand,Updated: 10 Aug, 2025 03:34 PM

एयरलाइन कंपनी इंडिगो को अब यात्रियों को दी जाने वाली सुविधाओं को लेकर अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता है, क्योंकि दिल्ली जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने कंपनी को सेवा में कमी का दोषी ठहराते हुए एक महिला यात्री को ₹1.5 लाख का मुआवजा देने का आदेश दिया...
नेशनल डेस्क : एयरलाइन कंपनी इंडिगो को अब यात्रियों को दी जाने वाली सुविधाओं को लेकर अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता है, क्योंकि दिल्ली जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने कंपनी को सेवा में कमी का दोषी ठहराते हुए एक महिला यात्री को ₹1.5 लाख का मुआवजा देने का आदेश दिया है। यह मामला गंदी और दागदार सीट उपलब्ध कराने से जुड़ा है।
दो जनवरी का मामला
इस केस की शिकायतकर्ता पिंकी नाम की महिला हैं, जिन्होंने बताया कि 2 जनवरी 2025 को जब वह बाकू से नई दिल्ली की उड़ान में थीं, तो उन्हें "अस्वच्छ, गंदी और दागदार" सीट दी गई। उन्होंने इस संबंध में इंडिगो से शिकायत की, लेकिन एयरलाइन ने उनकी बात को नजरअंदाज कर दिया और असंवेदनशील रवैया अपनाया।
आयोग ने माना सेवा में कमी
मामले की सुनवाई नयी दिल्ली जिला उपभोक्ता मंच की बेंच अध्यक्ष पूनम चौधरी, सदस्य बारिक अहमद और सदस्य शेखर चंद्र ने की। आयोग ने 9 जुलाई को फैसला सुनाते हुए कहा, "हम मानते हैं कि प्रतिवादी (इंडिगो) सेवा में कमी का दोषी है।"
इंडिगो की सफाई खारिज
इंडिगो ने जवाब में दावा किया कि उन्होंने महिला की शिकायत का संज्ञान लिया था और उन्हें एक दूसरी सीट आवंटित की गई थी, जिस पर उन्होंने स्वेच्छा से यात्रा पूरी की। लेकिन आयोग ने सबूतों के आधार पर इस दावे को स्वीकार नहीं किया। आयोग ने महिला को हुई मानसिक, शारीरिक पीड़ा और असुविधा के लिए इंडिगो को ₹1.5 लाख का मुआवजा और ₹25,000 मुकदमा खर्च के रूप में देने का निर्देश दिया है।