Edited By Rohini Oberoi,Updated: 21 Oct, 2025 09:44 AM

जम्मू-कश्मीर से टीम इंडिया का प्रतिनिधित्व करने वाले पहले क्रिकेटर और अनुभवी ऑलराउंडर परवेज रसूल ने तत्काल प्रभाव से खेल के सभी फॉर्मेट से संन्यास लेने का ऐलान कर दिया है। 36 वर्षीय रसूल पिछले दो सालों से जम्मू-कश्मीर की घरेलू टीम से भी लगातार...
नेशनल डेस्क। जम्मू-कश्मीर से टीम इंडिया का प्रतिनिधित्व करने वाले पहले क्रिकेटर और अनुभवी ऑलराउंडर परवेज रसूल ने तत्काल प्रभाव से खेल के सभी फॉर्मेट से संन्यास लेने का ऐलान कर दिया है। 36 वर्षीय रसूल पिछले दो सालों से जम्मू-कश्मीर की घरेलू टीम से भी लगातार नज़रअंदाज़ किए जा रहे थे जिसके बाद उन्होंने यह बड़ा फैसला लिया है। संन्यास के बाद अब रसूल का ध्यान कोचिंग पर केंद्रित रहेगा। उन्होंने पहले ही कोचिंग अकादमी से लेवल 2 का सर्टिफिकेशन कोर्स पूरा कर लिया है।
भारत के लिए खेलना गौरवशाली पल
संन्यास की घोषणा करते हुए परवेज रसूल ने कहा कि भारत के लिए खेलना उनके जीवन का सबसे गौरवशाली पल था। उन्होंने जम्मू-कश्मीर जैसे राज्य से आने पर अपनी उपलब्धियों को रेखांकित किया। उन्होंने दो बार (2013-14 और 2017-18 में) रणजी ट्रॉफी में सर्वश्रेष्ठ ऑलराउंडर के लिए लाला अमरनाथ ट्रॉफी जीती। वह जम्मू-कश्मीर से भारत और आईपीएल के लिए खेलने वाले पहले खिलाड़ी बने। उन्होंने अपने करियर में सभी फॉर्मेट में 10,470 रन बनाए और 623 से ज़्यादा विकेट लिए। रसूल ने संतुष्टि व्यक्त करते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर के लिए बल्ले और गेंद से उनका रिकॉर्ड शानदार है।

टेस्ट क्रिकेट में मौका न मिलने का अफसोस
हालांकि संन्यास के बाद उन्होंने अपने करियर की एक कसक भी व्यक्त की। रसूल ने कहा कि उन्हें इस बात का अफसोस हमेशा रहेगा कि वह भारत के लिए टेस्ट मैच के प्रारूप में नहीं खेल सके। 2013 में चेन्नई में बोर्ड अध्यक्ष एकादश के लिए ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेलते हुए उन्होंने 45 रन देकर 7 विकेट लिए थे जो एक शानदार प्रदर्शन था।

उन्हें अपने अंतर्राष्ट्रीय करियर में सिर्फ एक वनडे (2014) और एक टी20 इंटरनेशनल मैच (2017) खेलने का मौका मिला। घरेलू क्रिकेट में रसूल का प्रदर्शन लगातार बेहतरीन रहा है। 95 मैचों में उन्होंने 352 विकेट लिए और बल्ले से 38.95 की औसत से 5648 रन बनाए। अब वह कोचिंग में अपनी नई भूमिका के लिए पूरी तरह तैयार हैं।