Edited By Rohini Oberoi,Updated: 14 Nov, 2025 01:00 PM

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने एक बड़ी और महत्वपूर्ण कार्रवाई करते हुए जेपी इंफ्राटेक लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर (MD) मनोज गौड़ को गिरफ्तार कर लिया है। यह उनकी दूसरी गिरफ्तारी है। इस बार ईडी ने उन्हें ₹12,000 करोड़ रुपये के कथित हेराफेरी और मनी...
नेशनल डेस्क। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने एक बड़ी और महत्वपूर्ण कार्रवाई करते हुए जेपी इंफ्राटेक लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर (MD) मनोज गौड़ को गिरफ्तार कर लिया है। यह उनकी दूसरी गिरफ्तारी है। इस बार ईडी ने उन्हें ₹12,000 करोड़ रुपये के कथित हेराफेरी और मनी लॉन्ड्रिंग (धन शोधन) मामले में शिकंजे में लिया है।
घर खरीदारों के साथ धोखाधड़ी से जुड़ा है मामला
मनोज गौड़ के खिलाफ यह जांच मुख्य रूप से घर खरीदारों (Homebuyers) के साथ हुई कथित धोखाधड़ी के मामले से संबंधित है जिसके कारण हजारों निवेशक वर्षों से परेशान हैं। ईडी ने गुरुवार को धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA - Prevention of Money Laundering Act) के प्रावधानों के तहत कार्रवाई करते हुए मनोज गौड़ को गिरफ्तार किया।
FIR और आरोप
जेपी इंफ्राटेक के प्रमोटरों के खिलाफ 2017 में भी FIR दर्ज हुई थी। एफआईआर में बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी और आपराधिक साज़िश का आरोप लगाया गया था। आरोप है कि जेपी विशटाउन (JIL) और जेपी ग्रीन्स (JAL) जैसी आवासीय परियोजनाओं में अपार्टमेंट और प्लॉट आवंटित करने का झांसा देकर घर खरीदारों और निवेशकों को निवेश करने के लिए प्रलोभन दिया गया था।
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छापेमारी में मिली नकदी और दस्तावेज़
ईडी ने अपनी जांच के दौरान कई जगहों पर छापेमारी की थी, जिससे महत्वपूर्ण सबूत हाथ लगे थे:
छापेमारी: ईडी ने मई में दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद और मुंबई में जेपी इंफ्राटेक लिमिटेड, जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड (JAL) और उनकी संबद्ध संस्थाओं से जुड़े 15 ठिकानों पर तलाशी ली थी।
जब्ती: इस दौरान ₹1.7 करोड़ से अधिक की नकदी जब्त की गई थी। इसके अलावा प्रमोटरों, उनके परिवार के सदस्यों और समूह की कंपनियों के नाम पर संपत्ति के दस्तावेज़, वित्तीय दस्तावेज़ और डिजिटल डेटा भी ज़ब्त किए गए।
मनोज गौड़ की गिरफ्तारी से यह स्पष्ट है कि जांच एजेंसी इस जटिल और बड़े वित्तीय अपराध मामले को अंतिम अंजाम तक पहुंचाने की दिशा में गंभीरता से काम कर रही है।