Edited By Pardeep,Updated: 11 Dec, 2025 12:34 AM

दो ऑटो-रिक्शा चालकों की संदिग्ध रूप से एनेस्थीसिया दवा की ज्यादा खुराक दिये जाने से हुई मौत के मामले में एक न्यूरोसर्जन और उनके सहायक सहित पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने बुधवार को यह जानकारी दी। ऑटो चालकों की उम्र 25 और 29 वर्ष थी।
नेशनल डेस्कः दो ऑटो-रिक्शा चालकों की संदिग्ध रूप से एनेस्थीसिया दवा की ज्यादा खुराक दिये जाने से हुई मौत के मामले में एक न्यूरोसर्जन और उनके सहायक सहित पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने बुधवार को यह जानकारी दी। ऑटो चालकों की उम्र 25 और 29 वर्ष थी।
उन्हें 2-3 दिसंबर की दरमियानी रात एक फ्लाईओवर के नीचे ऑटो-रिक्शा में मृत पाया गया। पुलिस को मौके से सूई और एनेस्थीसिया के इंजेक्शन मिले, जिससे दवाओं की अधिक मात्रा लिये जाने का संदेह हुआ। चंद्रायनगुट्टा पुलिस ने मामला दर्ज किया और जांच के दौरान एक निजी अस्पताल में वार्ड बॉय सहित तीन लोगों को अवैध रूप से एनेस्थीसिया दवा की खरीद, बिक्री और उनकी कथित संलिप्तता के लिए गिरफ्तार किया।
पुलिस ने कहा कि अस्पताल के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक, जो एक न्यूरोसर्जन भी हैं, के साथ-साथ सर्जन के सहायक के रूप में काम करने वाले एक नर्सिंग छात्र को भी गिरफ्तार किया गया है। पुलिस के अनुसार, वार्ड बॉय ने स्वीकार किया कि 26 नवंबर को अस्पताल में सफाई के दौरान उसने चार एनेस्थीसिया के इंजेक्शन का एक पैक चुराया और अगले दिन इसे किसी अन्य व्यक्ति को बेच दिया, जिसे बाद में ऑटो-रिक्शा चालकों ने खरीदा।
पुलिस के अनुसार, डॉक्टर ने 26 नवंबर को एक मरीज का न्यूरोसर्जरी ऑपरेशन किया था, जिसके दौरान उन्होंने एनेस्थीसिया के इंजेक्शनों का इस्तेमाल किया। लेकिन दवाइयों के उपयोग के बाद शेष एनेस्थीसिया इंजेक्शन को सुरक्षित रखने के लिए कोई एहतियाती कदम नहीं उठाया गया और उन्हें ऑपरेशन थियेटर में ही छोड़ दिया गया। पुलिस ने बताया कि नियंत्रित दवाओं (एनेस्थीसिया की दवा) को सुरक्षित रखने में डॉक्टर और उनके सहायक की लापरवाही और चूक के कारण वार्ड बॉय ने बचे हुए इंजेक्शन चोरी कर लिए। बाद में इन इंजेक्शनों को अवैध रूप से बेचा गया और उनका दुरुपयोग किया गया, जिससे अंततः ऑटो चालकों की मौत हो गई।