कमलेश तिवारी मर्डर: मिठाई के डिब्बे की मदद से जेल की सलाखों के पीछे पहुंचे आरोपी

Edited By Anil dev,Updated: 19 Oct, 2019 03:59 PM

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हिन्दू समाज पार्टी के नेता कमलेश तिवारी की हत्या के मामले की जांच कर रही उप्र पुलिस गुजरात पुलिस के सहयोग से तीन लोगों को सूरत से हिरासत में ले कर उनसे पूछताछ कर रही है । पुलिस महानिदेशक ओ पी सिंह ने शनिवार की सुबह संवाददाता सम्मेलन में बताया कि...

नई दिल्ली: हिन्दू समाज पार्टी के नेता कमलेश तिवारी की हत्या के मामले की जांच कर रही उप्र पुलिस गुजरात पुलिस के सहयोग से तीन लोगों को सूरत से हिरासत में ले कर उनसे पूछताछ कर रही है । पुलिस महानिदेशक ओ पी सिंह ने शनिवार की सुबह संवाददाता सम्मेलन में बताया कि तिवारी के परिजनों द्वारा दर्ज कराई गई प्राथमिकी में उप्र के बिजनौर निवासी अनवारूल हक और नईम काजमी के नाम हैं तथा उन्हें भी हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। सिंह ने कहा कि सूचनाएं और सुराग मिलने के बाद शुक्रवार को ही छोटी-छोटी टीमें गठित की गई थी। 

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मिठाई के डिब्बे के आधार पर किया गया गुजरात पुलिस से संपर्क 
जांच में इस मामले के तार गुजरात से जुड़े होने का संकेत मिला। उन्होंने बताया मिठाई के डिब्बे के आधार पर उप्र पुलिस ने गुजरात पुलिस से संपर्क किया और फिर एक पुलिस टीम गुजरात गयी। मिठाई का डिब्बा सूरत जिले की जिस दुकान से लिया गया था, वहां आस-पास लगे सीसीटीवी के फुटेज की जांच से एक संदिग्ध फैजान यूनुस भाई की पहचान की गई। दोनों राज्यों की पुलिस के समन्वय से फैजान के साथ दो अन्य संदिग्धों मौलाना मोहसिन शेख एवं रशीद अहमद खुर्शीद अहमद पठान को भी हिरासत में लिया गया। उन्होंने बताया कि अभी तक की विवेचना और संयुक्त पूछताछ से यह स्प्ष्ट हो गया है कि यह तीनों कमलेश तिवारी की हत्या के षडयंत्र में शामिल थे। वारदात में शामिल दो अन्य मुख्य अभियुक्तों के बारे में भी पुलिस ने जानकारी जुटाई है और उनकी गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं। डीजीपी ने साफ किया कि हिरासत में लिए गए तीनों संदिग्धों के किसी आतंकवादी संगठन से संबंध का अब तक पता नहीं चला है। 

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2015 में दिया गया भाषण हो सकता है हत्या की वजह
उन्होंने बताया कि पकड़े गए तीन संदिग्ध मौलाना मोहसिन शेख सलीम (24), फैजान (30) और खुर्शीद अहमद पठान (30) सूरत के रहने वाले हैं। सिंह ने बताया कि मौलाना अनवारुल हक और मुफ्ती नईम काजमी को शुक्रवार रात हिरासत में लिया गया। डीजीपी सिंह ने बताया कि दो अन्य संदिग्धों को भी हिरासत में लिया गया था और उन्हें पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया। इनमें से एक राशिद का भाई और दूसरा गौरव तिवारी है। उन्होंने बताया कि गौरव ने कमलेश को कुछ दिन पहले फोन कर सूरत समेत अन्य जगहों पर भारत हिंदू समाज के लिए काम करने की इच्छा जताई थी। सिंह ने बताया कि अब तक इस हत्याकांड का आतंकवाद से संबंध होने का संकेत नहीं मिला है। प्रारंभिक पूछताछ से लगता है कि 2015 में कमलेश तिवारी द्वारा दिया गया एक भाषण उनकी हत्या की वजह हो सकता है। 

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दिनदहाड़े कर दी गई नेता कमलेश तिवारी की हत्या 
गौरतलब है कि राजधानी लखनऊ के घनी आबादी वाले नाका हिंडोला इलाके में शुक्रवार को हिन्दू समाज पार्टी के नेता कमलेश तिवारी की दिनदहाड़े हत्या कर दी गई। पुलिस के अनुसार, कमलेश तिवारी नाका हिंडोला के खुर्शेदबाग स्थित अपने घर में खून से लथपथ पाए गए। उन्होंने बताया कि दो लोग उनसे मिलने आए थे। इस दौरान कमलेश ने अपने एक साथी को उन दोनों के लिए पान लाने भेजा था। जब वह लौटकर आया तो उसने कमलेश को खून से लथपथ हालत में पाया। कमलेश पूर्व में हिंदू महासभा से भी जुड़े थे। कमलेश की हत्या के मामले में राज्य सरकार ने शुक्रवार को देर रात लखनऊ के पुलिस महानिरीक्षक एस के भगत की अगुवाई में 3 सदस्यीय विशेष जांच दल गठित किया था। लखनऊ के पुलिस अधीक्षक (अपराध) दिनेश पुरी और एसटीएफ के क्षेत्राधिकारी पीके मिश्र इस टीम के अन्य सदस्य हैं।

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