Edited By rajesh kumar,Updated: 27 Dec, 2022 07:29 PM

कांग्रेस की कर्नाटक इकाई के अध्यक्ष डी के शिवकुमार ने महाराष्ट्र विधानसभा में पारित, कर्नाटक के मराठी भाषी गांवों को शामिल करने के प्रस्ताव की निंदा करते हुए कहा कि पड़ोसी राज्य को एक भी गांव नहीं दिया जाएगा।
नेशनल डेस्क: कांग्रेस की कर्नाटक इकाई के अध्यक्ष डी के शिवकुमार ने महाराष्ट्र विधानसभा में पारित, कर्नाटक के मराठी भाषी गांवों को शामिल करने के प्रस्ताव की निंदा करते हुए कहा कि पड़ोसी राज्य को एक भी गांव नहीं दिया जाएगा। शिवकुमार ने कहा कि इस मुद्दे पर पूरा कर्नाटक एकजुट है और महाराष्ट्र विधानसभा द्वारा पारित प्रस्ताव की कड़ी निंदा करता है। कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘पूरा कर्नाटक और कांग्रेस पार्टी हमारे राज्य के गांवों को महाराष्ट्र में शामिल करने के उनके प्रस्ताव की कड़ी निंदा करती है।
हम इसके खिलाफ अपना विरोध व्यक्त करते हैं। हम कर्नाटक से एक भी गांव देने के लिए तैयार नहीं हैं और हम भी उनके गांव नहीं चाहते हैं। हमारी सीमाएं तय हैं।'' यहां पत्रकारों से उन्होंने कहा कि कर्नाटक में हर कोई राज्य के हितों की रक्षा के लिए एकजुट है। शिवकुमार ने कहा, ‘‘कन्नड़ भाषा, हमारे गांवों और राज्य की रक्षा करना हमारा कर्तव्य है। हम इस मुद्दे पर हर तरह का सहयोग करने के लिए तैयार हैं। हम उनके प्रस्ताव का विरोध करते हैं, हम इसे विधानसभा में भी उठाएंगे और कांग्रेस इस संबंध में एक प्रस्ताव पेश करने के लिए तैयार है।''
दोनों राज्यों में सीमा विवाद के बीच महाराष्ट्र विधानसभा ने कर्नाटक के 865 मराठी भाषी गांवों को राज्य में शामिल करने के लिए मंगलवार को सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने महाराष्ट्र विधानमंडल के दोनों सदनों में यह प्रस्ताव पेश किया। शिवकुमार ने महाराष्ट्र के नेताओं पर जानबूझकर अशांति पैदा करने के लिए लोगों को उकसाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ‘‘हम सभी को एकजुट होना चाहिए और आइए हम सब मिलकर अपने राज्य के गौरव की रक्षा करने का प्रयास करें।'' कर्नाटक विधानसभा ने पिछले सप्ताह सर्वसम्मति से महाराष्ट्र के साथ लगी सीमा को लेकर एक प्रस्ताव पारित किया था, जिसमें राज्य के हितों की रक्षा करने और अपने पड़ोसी राज्य को एक इंच जमीन नहीं देने का संकल्प लिया गया था।